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श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और गांव की पंचायत का हुआ समझौता

-33 वर्ष के लिए जमीन सौंपी पट्टे पर -विश्वविद्यालय का हेड अलग बनने को हरी झंडी नहीं श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और फतुहपुर गांव की पंचायत का समझौता आखिर हो गया। गांव की पंचायत ने 33 वर्ष के लिए जमीन को आयुष विश्वविद्यालय को पट्टे पर दे दिया है। इस मामले में कुछ अड़चने थी, जिस पर सोमवार को विश्वविद्यालय प्रशासन और फतुहपुर पंचायत ने आमने-सामने बैठकर दूर कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 01:33 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 01:33 AM (IST)
श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और गांव की पंचायत का हुआ समझौता
श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और गांव की पंचायत का हुआ समझौता

-33 वर्ष के लिए जमीन सौंपी पट्टे पर

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-विश्वविद्यालय का हेड अलग बनने को हरी झंडी नहीं जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय और फतुहपुर गांव की पंचायत का समझौता आखिर हो गया। गांव की पंचायत ने 33 वर्ष के लिए जमीन को आयुष विश्वविद्यालय को पट्टे पर दे दिया है। इस मामले में कुछ अड़चने थी, जिस पर सोमवार को विश्वविद्यालय प्रशासन और फतुहपुर पंचायत ने आमने-सामने बैठकर दूर कर दिया। अब विश्वविद्यालय की चाहरदीवारी पर काम शुरू होगा। वहीं अभी भी इमारत बनने का रास्ता साफ नहीं हुआ है, क्योंकि विश्वविद्यालय का हेड अलग से नहीं बना है, जिसकी वजह से विश्वविद्यालय के लिए जारी हुआ पैसा अभी आयुष विभाग के खाते में ही पड़ा हुआ है। अभी फाइनेंस डिपार्टमेंट की ओर से विश्वविद्यालय का अलग हेड बनाने को लेकर हरी झंडी नहीं मिली है। गांव ने ये रखी थी मांगे दरअसल गांव फतुहपुर पंचायत ने विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने कुछ ऐसी मांगे रख दी थी, जिसे प्रशासन अपने स्तर पर करने में नाकाम था। गांव की पंचायत ने मांग रखी थी कि कॉलेज में फतुहपुर के गांव के विद्यार्थियों के लिए सीटें आरक्षित की जाएं। इसके अलावा गांव के ही कुछ युवाओं को विश्वविद्यालय में नौकरियों में छूट दी जाए। इन दोनों ही मुख्य मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन संशय में था। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन मांगों को लेकर पंचायत से बात की और सरकार के स्तर पर कुछ पर विचार करने के लिए भेजे जाने के लिए समय भी मांग लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के संतोषजनक जवाब पर पंचायत ने लिखित में जगह विश्वविद्यालय प्रशासन को पटे पर दे दी। बैठक की अध्यक्षता स्वयं की कुलपति ने सोमवार को आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता स्वयं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव ने की, जबकि रजिस्ट्रार डॉ. कृष्ण जाटियान, आयुष विभाग के निदेशक डॉ. सतपाल, ¨प्रसिपल डॉ. उषा दत्त, डॉ. सीमा, डॉ. र¨वद्र अरोड़ा और सरपंच शमशेर व पंचायत के सदस्य बैठक में मौजूद रहे। पूरी तन्मयता से काम कर रहे कुलपति : रजिस्ट्रार श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. कृष्ण कुमार जाटियान ने बताया कि कुलपति विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर पूरी तन्मयता से काम कर रहे हैं। सरकार और विभिन्न विभागों से जुड़े मामलों को सीधे खुद देख रहे हैं। जल्द ही चाहरदीवारी का काम शुरू हो जाएगा और इसके बाद निर्माण का भी।


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