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पीजीटी संस्कृत के चयनित अभ्यार्थियों ने की ज्वाइनिग की मांग

लगभग एक साल से ज्वाइनिग का इंतजार कर रहे पीजीटी संस्कृति के अभ्यर्थियों ने सेक्टर 10 पार्क में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ रोष जताया। सभी चयनित अभ्यर्थियों ने मिलकर मौजूदा भाजपा सरकार से ज्वाइनिग की गुहार लगाई। चयनित अभ्यार्थी धर्मेंद्र ने बताया कि शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में संस्कृत प्रवक्ताओं की रिक्तियां है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 06:50 AM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 06:50 AM (IST)
पीजीटी संस्कृत के चयनित अभ्यार्थियों ने की ज्वाइनिग की मांग
पीजीटी संस्कृत के चयनित अभ्यार्थियों ने की ज्वाइनिग की मांग

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : लगभग एक साल से ज्वाइनिग का इंतजार कर रहे पीजीटी संस्कृति के अभ्यर्थियों ने सेक्टर 10 पार्क में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ रोष जताया। सभी चयनित अभ्यर्थियों ने मिलकर मौजूदा भाजपा सरकार से ज्वाइनिग की गुहार लगाई। चयनित अभ्यार्थी धर्मेंद्र ने बताया कि शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में संस्कृत प्रवक्ताओं की रिक्तियां है। पिछले पांच वर्षो में लाखों बच्चे संस्कृत पढ़ने से वंचित रह गए। इच्छुक बच्चे भी मजबूरन अन्य विषयों में रूचि बना लेते है। सरकार की संस्कृत के प्रति इस अनदेखी के कारण ही लाखों गीता पढ़ने वाले बच्चे गीता व संस्कृत में ना जाकर केवल हिदी में ही पढ़ सकेंगे। सरकार की अगर गीता के प्रति इतनी ही श्रद्धा है तो गीता की मूल भाषा को बचाने को प्रयास करना चाहिए। वरना कुछ वर्षाें के पश्चात गीता जयंती एक मेला बन कर ही रह जाएगी। अगर विद्यालय में संस्कृत अध्यापक ही नहीं होगा तो संस्कृत का उत्थान कैसे संभव हो सकता है। गीता को बचाने के लिए संस्कृत बचानी जरूरी है। संस्कृत बचाने के लिए संस्कृत अध्ययन और अध्यापन जरूरी है। अभ्यर्थी सुरेंद्र सेलवाल ने बताया कि संस्कृत प्रवक्ताओं का फाइनल रिजल्ट आने के बावजूद भी सरकार इनकी नियुक्ति नहीं करवा रही है। अब सरकार संस्कृत पीजीटी चयन में एक बहाना कोर्ट केस का बना सकती है। कोर्ट ने तीन बार पीजीटी संस्कृत को ज्वाइनिग देने का समय दिया था, लेकिन सरकार की संस्कृत के प्रति बेरूखी के कारण ज्वाइनिग नहीं हो रही है। सरकार अगर चाहे तो आज भी ज्वाइनिग प्रक्रिया पूर्ण कर सकती है। इस अवसर पर जसविद्र मेहरा, कुलदीप, सुरेंद्र चोपड़ा, रमेश, सरोज, नीलम व उषा उपस्थित थे।

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