प्रत्येक भारतीय रामायण और महाभारत को पढ़े : डॉ. सोमेश्वर दत्त
संस्कृत साहित्य परिषद् द्वारा हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. सोमेश्वर दत्त ने रामायण-महाभारत को आदि ग्रंथ बताते हुए जनसमुदाय से अनुरोध किया कि प्रत्येक भारतीय को ये ग्रन्थ मूल रूप में ही पढ़ने चाहिए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
संस्कृत साहित्य परिषद् द्वारा हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. सोमेश्वर दत्त ने रामायण-महाभारत को आदि ग्रंथ बताते हुए जनसमुदाय से अनुरोध किया कि प्रत्येक भारतीय को ये ग्रन्थ मूल रूप में ही पढ़ने चाहिए। वे दयानंद महाविद्यालय में रामायण-महाभारतीय आख्यानों का संस्कृत एवं हिन्दी साहित्य में अनुशीलन'विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोल रहे थे। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म देव आचार्य विशिष्ट अतिथि थे।
मुख्य वक्ता बलबीर आचार्य ने कहा कि रामायण ने विदेशों में रहने वाले ¨हदुओं को भी ¨हदू बनाए रखा और अनेक पीढि़यों को संस्कार एवं दीप-²ष्टि दी। ¨हदी एवं संस्कृत के अतिरिक्त रामायण एवं महाभारत का अनेक भाषाओं में काव्य सृजन किया गया। समय के साथ-साथ इनकी मूल कथा को विकृत कर दिया गया। उदाहरण के तौर पर मूल महाभारत में द्रोपदी के पांच पति नहीं थे अपितु युधिष्ठिर ही द्रोपदी के पति थे। इस मौके पर महाविद्यालय के महासचिव डॉ. राजेंद्र विद्यालंकार, प्राचार्या डॉ. विजेश्वरी शर्मा उपस्थित रहे।