संधू ने 1978 में रखा था राजनीतिक में कदम
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : पूर्व कृषि मंत्री जस¨वद्र संधू ने राजनीति में कदम 1978 में रख दिया था।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : पूर्व कृषि मंत्री जस¨वद्र संधू ने राजनीति में कदम 1978 में रख दिया था। इसके बाद खेत से विधानसभा तक का सफर नाप डाला। किसान होने के नाते ही प्रदेश के कृषि मंत्री तक रहे। संधू ने 1978 में गांव गुमथला गढू से सरपंच का चुनाव लड़ा और विजयी रहे। इसके बाद 1982 और 1987 में भी सरपंच पद पर काबिज हुए। इसी दौरान उनकी भेंट ताऊ देवी लाल से हो गई। इसके बाद वे सक्रिय राजनीति में उतर आए। हलका पिहोवा को अपनी कर्मभूमि बनाया। वे लोकदल के टिकट पर 1991 में विधायक बने। इसके बाद समता पार्टी की टिकट पर 1996 में विधायक चुने गए। वर्ष 2000 में इंडियन नेशनल लोकदल के टिकट पर विधायक बनकर कृषि मंत्री बने। वे ताऊ देवी लाल के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की गुड बुक में शामिल रहे। संधू 2005 में चुनाव हारे तो 2014 की मोदी लहर में भी पिहोवा में इनेलो का झंडा लहराने में कामयाब रहे। संधू ने गांव के स्कूल से ही दसवीं तक की पढ़ाई की हुई थी, मगर वे शिक्षा से ज्यादा अनुभवी थे। संधू करनाल में भी लोकसभा टिकट पर किस्मत आजमाई थी। तीन बेटे संधू के तीन बेटे हैं। बड़े बेटे का नाम जसतेज है। उससे छोटे गगनजोत संधू दो प्लान से गांव के सरपंच हैं। तीसरा बेटा हरकीरत ¨सह है। उनका भाई राजपाल ¨सह है। संयुक्त परिवार में रह रहे संधू का पूरे गांव से विशेष लगाव था।