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गोशाला का औचक निरीक्षण करने पहुंचे रॉकी मित्तल को तड़पती मिली कई गाय

हरियाणा सरकार के एक ओर सुधार कार्यक्रम के प्राजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल बृहस्पतिवार को गांव मथाना में गोवंश धाम एवं अनुसंधान केंद्र का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां पर कई गाय तड़पती मिली। जमीन पर पड़ी इन गायों को उठाने का जब प्रयास किया गया तो यह उठ नहीं पाई। इतना ही नहीं एक गाय की हालत तो इतनी नाजुक थी कि उसके शरीर को पक्षियों ने नौच रखा था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 07:20 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 07:20 AM (IST)
गोशाला का औचक निरीक्षण करने पहुंचे रॉकी मित्तल को तड़पती मिली कई गाय
गोशाला का औचक निरीक्षण करने पहुंचे रॉकी मित्तल को तड़पती मिली कई गाय

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हरियाणा सरकार के एक ओर सुधार कार्यक्रम के प्राजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल बृहस्पतिवार को गांव मथाना में गोवंश धाम एवं अनुसंधान केंद्र का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां पर कई गाय तड़पती मिली। जमीन पर पड़ी इन गायों को उठाने का जब प्रयास किया गया तो यह उठ नहीं पाई। इतना ही नहीं एक गाय की हालत तो इतनी नाजुक थी कि उसके शरीर को पक्षियों ने नौच रखा था। गायों की इस हालत पर रॉकी मित्तल ने उन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने गायों और नंदी को अलग-अलग रखने की भी सलाह दी, ताकि नंदी बीमार और कमजोर गायों को घायल न कर सकें। उन्होंने इस हाड कंपा देने वाली ठंड से गायों को बचाने के प्रबंध को भी नाकाफी बताया। उन्होंने कहा कि इतने बड़े और खुले शेड में गायों को ठंड से बचाया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने इस समस्या को लेकर गोशाला कर्मचारियों के साथ-साथ पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को भी उचित कार्रवाई के लिए निर्देश दिए।

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दो माह पहले पशु चिकित्सक के तबादले के बाद बढ़ गई दिक्कत

गांव मथाना की गोशाला में 1080 के लगभग गाय और नंदी हैं। इतने गोवंश को आए दिन एक पशु चिकित्सक की जरूरत है। लेकिन पिछले दो माह से गांव मथाना के पशु चिकित्सक का तबादला होने के बाद से दिक्कत बढ़ गई है। इसके बाद जिस चिकित्सक की ड्यूटी यहां लगाई गई है, उनके पास पांच केंद्रों का चार्ज है। ऐसे में गायों का पूरी तरह से इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं चिकित्सक के साथ पशुपालन विभाग के ओर से कोई सहयोगी स्टॉफ भी उपलब्ध नहीं है।

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कई साल पहले भी सुर्खियों में आई थी मथाना की गोशाला

कई साल पहले भी इसी गोशाला में एक साथ कई गायों की मौत होने पर यह सुर्खियों में आई थी। उसके बाद हरकत में आए प्रशासन और सरकार ने इस गोशाला में कई तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई थी। लेकिन अभी इन गोशाला में गायों और नंदी के लिए अलग-अलग जगह नहीं है।

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प्रदेश भर में अमेरिकन बैलों और नंदी की नसबंदी के लिए टीम गठित करने को मुख्यमंत्री से करेंगे बात

मथाना गोशाला में नंदी की नसबंदी न होने और पशु पालन विभाग की ओर से स्टॉफ की कमी बताने पर रॉकी मित्तल ने कहा कि इसके लिए वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत करेंगे। इसके लिए एक टीम बनाई जा सकती है जो पूरे प्रदेश की गोशालाओं में जाकर नंदी की नसबंदी का काम करेगी। इतना ही नहीं प्रत्येक गाय के चारे आदि व्यवस्था के लिए 300 रुपये की राशि प्रतिमाह खर्च करने का भी प्रावधान करने की योजना तैयार की जाएगी। इन सभी प्रस्तावों को शीघ्र ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष रखा जाएगा और अनुमति मिलने के बाद तुरंत प्रभाव से लागू भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री के आदेशानुसार प्रदेश की सभी गोशालाओं से फीडबैक और समस्याओं का आंकलन किया जा रहा है। इनकी रिपोर्ट एकत्रित करके राज्य सरकार के समक्ष रखी जाएगी ताकि सभी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जा सके। इसके अलावा अमेरिकन बैलों और गायों को बेसहारा छोड़ने वाले लोगों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी अलग से प्रावधान करने की बात रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में हरियाणा एक ऐसा प्रदेश है जहां नंदीशाला भी खोली गई हैं और उनका संचालन भी किया जा रहा है। इस मौके पर पशु चिकित्सक मुल्तान, विक्रम व गांव बुहावी के सरपंच पति भी मौके पर उपस्थित रहे।


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