बांधों से समाप्त हो रहीं नदियां : उमा भारती
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि अंधाधुध बने बांध नदियों को समाप्त कर रहे हैं। आज देश को विकास की आवश्यकता है। इसके लिए जल संरक्षण सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। पानी बिना जन आंदोलन के बिना नहीं बचाया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि अंधाधुध बने बांध नदियों को समाप्त कर रहे हैं। आज देश को विकास की आवश्यकता है। इसके लिए जल संरक्षण सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। सरकार कानून तो बना सकती है, लेकिन पानी बिना जन आंदोलन के बचाया नहीं जा सकता।
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केंद्रीय मंत्री उमा भारती शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आडिटाेरियम में केंद्रीय मंत्रालय की ओर से आयोजित भूजल मंथन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होेंने कहा कि अब केवल जल का प्रयोग करने के लिए उपलब्ध कराना मुख्य मुद्दा नहीं है बल्कि जरूरत है जल का क्लीसीफिकेशन करने की। इससे यह तय होगा कि किस कार्य के लिए कैसा जल प्रयोग हो। इससे पीने योग्य पानी अन्य कार्यों से बच पाएगा।
उन्हाेंने कहा कि अंधाधुध बने बांधों ने नदियों को समाप्त कर दिया है। यह सबसे जरूरी है कि किसी बांध को बनाने के समय पहले सुनिश्चित किया जाए कि बांध में पानी एकत्रित करने से नदी का जीवन तो खतरे में नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने जल संसाधनों को बचाने के लिए पूर्व सरकारों की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि सरकारों ने विकास के नाम पर कई नदियों के जीवन को समाप्त कर दिया। बांध बनाते गए और आज स्थिति ये है कि इन नदियों में उतना पानी भी नहीं बचा है कि ये जीवित रह सकें। जल बचाने के लिए इन नदियों को जीवित रखना अनिवार्य है, क्योंकि एक बांध की आयु मात्र 60 से 80 वर्ष है और नदियां लाखों वर्षों में बनती हैं और लाखों वर्षों तक चलती हैं।
गंगा को विश्व की दस सबसे साफ नदियों में शामिल कर देंगे
उमा भारती ने कहा कि वे पिछले एक वर्ष से अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ यह मंथन कर रही हैं कि गंगा को कैसे साफ किया जाए। गंगा आज विश्व की दस सबसे गंदी नदियों में शुमार है। जिससे साफ करने की जिम्मेवारी उनकी है। वह जनता को आश्वासन देती हैं कि अगले तीन से सात सालों में गंगा विश्व के दस सबसे साफ नदियों में शुमार होगी। इसके लिए तय किया गया है कि गंगा में ट्रिटेड पानी भी न डाला जाए। इसके लिए मंत्रालय योजना तैयार कर रहा है कि कैसे इस पानी को रोका जाए।
कार्यक्रम में मौजूद लोग।
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के विकास के मुद्दे को जल संरक्षण से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने इस बार भावनाओं के नाम पर नहीं बल्कि विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था।इसमें उन्होंने गुजरात के विकास को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुजरात का विकास भी तभी संभव हो पाया था जब माेदी जी ने अपने मुख्यमंत्री काल में जल का बेहतरीन प्रबंधन किया।
केंद्रीय मंत्री ने युवा वैज्ञानिकों को भी इस मुहिम से जोड़ने का इशारा किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रालय की अोर से वैज्ञानिकों का एक दल इजराइल भेजकर उनके कार्य और शोध को आत्मसात करने की योजना तैयार की है। इस दल में वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ कुछ युवा वैज्ञानिकों भी होंगे। यह कार्य जल्द ही पूरा कर दिया जाएगा। अक्टूबर में वैज्ञानिकों का दल इजराइल जाएगा।
हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कुरुक्षेत्र पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ ही राज्य सरकार भी भूजल संरक्षण के लिए कार्य कर रही है। इसके साथ ही हर खेत को पानी योजना को जल्द ही शुरू किया जाएगा। इस पर उन्होंने केंद्र सरकार से सहायता की मांग की है।
उन्होंने कहा कि इस योजना पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना 2025 तक पूरी होगी। उस समय तक बिना किसान के एक रुपया खर्च किए उसे खेतों में पानी उपलब्ध होगा। इसके अलावा जल्द ही प्रदेश सरकार की अपनी जल नीति बनाई जाएगी। इसमें पानी के प्रयोग को भी निर्धारित किया जाएगा।