नई तकनीक पर खोज के लिए तत्पर रहें : डॉ.सतीश कुमार
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के सिविल इंजीनियरिग विभाग में छह दिवसीय अल्पावधि पाठ्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस अल्पावधि पाठ्यक्रम का विषय एडवांसेज इन स्ट्रक्चरल इंजीनियरिग पर आधारित है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के सिविल इंजीनियरिग विभाग में छह दिवसीय अल्पावधि पाठ्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस अल्पावधि पाठ्यक्रम का विषय एडवांसेज इन स्ट्रक्चरल इंजीनियरिग पर आधारित है। इस पाठ्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक पद्मश्री डॉ. सतीश कुमार ने दीप प्रज्वलित करके किया। पाठ्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को स्ट्रक्चरल इंजीनियरिग में नई तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान करना है। निदेशक ने कहा कि संस्थान के सभी विभागों को एक साथ मिलकर नई तकनीकों व नए पदार्थों इत्यादि पर खोज करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। सिविल इंजीनियरिग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.एसएन सचदेवा ने निर्माण कार्य के पर्यावरण पर दुष्प्रभावों को कम करने के तरीके विस्तार से बताए। पाठ्यक्रम की संयोजक डॉ.बबीता सैनी ने एडवांसेज इन स्ट्रक्चरल इंजीनियरिग विषय पर अपने विचार रखे। इस पाठ्यक्रम का अध्ययन करने के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से विद्यार्थियों ने भाग लिया। पाठ्यक्रम के दौरान एमिटी यूनिवर्सिटी से आए डॉ.वर्धराजन ने भूकंप विरोधी इमारतों के बारे में जानकारियां प्रदान की। आइआइटी रूड़की से आए डॉ.शैलेद्र गणपुले ने छात्रों को बताया कि कैसे हम ब्लास्ट एवं भूकंप की स्थिति में इमारतों को ओर अधिक बेहतर बना सकते हैं। संस्थान के प्रोफेसर डॉ.एचडी चालक ने बताया कि 14 दिसंबर तक चलने वाले इस पाठ्यक्रम के दौरान विभिन्न शैक्षणिक तथा शोध संस्थानों से अनुभवी प्राध्यापक भाग लेकर प्रतिभागियों को कई तरह की जानकारियां प्रदान करेंगे। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद व्यक्त किया।