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धार्मिक सम्मेलन व रामकथामृत कार्यक्रम संपन्न

रामायण को जीवन में धारण कर इंसान भव सागर को पार कर सकता है। भगवान राम के जीवन चरित्र से हमें अनेकों शिक्षाएं मिलती है जिसका मानव जीवन में अत्यंत महत्व है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 05:39 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:31 AM (IST)
धार्मिक सम्मेलन व रामकथामृत कार्यक्रम संपन्न
धार्मिक सम्मेलन व रामकथामृत कार्यक्रम संपन्न

संवाद सहयोगी, शाहाबाद : श्रीबैकुण्ठपुरी हनुमान मंदिर में चल रहा चार दिवसीय धार्मिक सम्मेलन व रामकथामृत कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हो गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन कथा व्यास पवन कौशिक ने कहा कि रामायण से त्याग, तपस्या, प्रेम व प्रभु भक्ति का संदेश मिलता है। रामायण को जीवन में धारण कर इंसान भव सागर को पार कर सकता है। भगवान राम के जीवन चरित्र से हमें अनेकों शिक्षाएं मिलती है जिसका मानव जीवन में अत्यंत महत्व है। अंतिम दिन कार्यक्रम की शुरूआत राज्यमंत्री कृष्ण बेदी के पुत्र कर्ण बेदी, पार्षद नीलम साहनी, पिकी साहनी, पार्षद बलदेव राज सेठी, पिकी ने की। मंच का संचालन अशोक सेठी ने किया। इस अवसर पर मंदिर सभा के प्रधान दर्शन मिगलानी, सीता राम बत्तरा, इंद्र बत्तरा, सुरेंद्र जैन, सुधीर सूद, संजीव सिगला, अशोक सेठी, सुदर्शन कालड़ा, संजीव शमर, तिलकराज अग्रवाल, नवीन अग्रवाल, नरेश अरोड़ा, रामजस ठाकुर, कपिल जुनेजा, किरण शर्मा, गुलशन छाबड़ा, पवन छाबड़ा मौजूद रहे।

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