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धाíमक और सामाजिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहा

राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का कई वर्षों से चल रहा इंतजार शनिवार को पूरा हो गया जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो लोगों ने इसे खूब सराहा और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया। धाíमक एवं सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की प्रशंसा की और आपसी सद्भावना बनाए रखने की अपील भी की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 08:50 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 06:35 AM (IST)
धाíमक और सामाजिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहा
धाíमक और सामाजिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का कई वर्षों से चल रहा इंतजार शनिवार को पूरा हो गया, जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो लोगों ने इसे, खूब सराहा और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया। धाíमक एवं सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की प्रशंसा की और आपसी सद्भावना बनाए रखने की अपील भी की। धर्मगुरुओं ने इसे जीत या हार नहीं बल्कि एक न्यायिक परिणाम बताया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए।

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मेजर नितिन बाली गीता निकेतन स्कूल में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हवन किया गया। फैसले पर विद्यालय प्राचार्य सोमदत्त ने कहा कि आज सत्यमेव जयते चरितार्थ हुआ और कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। विद्यालय प्रबंध समिति की सदस्या अर्चना शर्मा ने कहा कि इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। मील का पत्थर साबित होगा ऐतिहासिक निर्णय

पूर्व जिला मंत्री विश्व हिदू परिषद के यशपाल वधवा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। बजरंग दल के पूर्व नगर सहसंयोजक नवनीत सिंह ने कहा कि दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है। फैसले को हार व जीत के रूप में न देखें, शांति व एकता सर्वोपरि : स्वामी ज्ञानानंद

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने रामजन्म भूमि अयोध्या पर सर्वेाच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसला को सराहते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय है। आज एक चिरप्रतिक्षित ऐतिहासिक निर्णय जिस ढंग से आया है वह निश्चित रूप से आनंदित करने वाला है। उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से अपील की कि वे इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में न देखें। सभी शांति, सद्भाव व एकता बनाए रखें। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम एकता के स्वरूप माने जाते हैं, अत: सभी का कर्तव्य बनता है कि आपसी सौहार्द पूर्व व शांति बनाए रखा जाना जरूरी है। ब्रह्माचारी ने पूरे देश में सौहार्दपूर्ण वातावरण की अपील की

श्रीजयराम संस्थाओं के अध्यक्ष ब्रह्मास्वरुप ब्रह्माचारी ने रामजन्म भूमि पर आये निर्णय को सराहते हुए कहा कि देश के सनातन धर्म के लाखों लोग वर्षों से संघर्ष कर रहे थे। देश के करोड़ों लोगों की भावना भी भगवान श्री राम से जुड़ी हुई है। अब श्री राम मंदिर के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है। पूरे देश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बने, इसके लिए देशभर के लोगों से अपील की है। अब भगवान श्री राम के अयोध्या में मंदिर निर्माण में कोई बाधा नहीं है। श्रीब्राह्माण एवं तीर्थोद्धार सभा ने किया स्वागत

अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का श्रीब्राह्माण तीर्थोद्धार सभा ने स्वागत किया। सभा के पदाधिकारियों और सदस्यों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। मुख्य सलाहकार अधिवक्ता जयनारायण शर्मा ने कहा कि इतने इंतजार के बाद यह फैसला मिला है, जो बिल्कुल न्याय संगत है। राम भक्त सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।

निर्णय को सराहा

संवाद सहयोगी, शाहाबाद : लंबे अरसे के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने के निर्णय को सराहा। विहिप के जिला प्रमुख महेश भगत, पंडित राजेश, सुरेन्द्र जैन, विजय भूषण गर्ग बढ़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। नपा उपप्रधान ढोल पर नाचे वहीं नगरपालिका के उपप्रधान डा. गुलशन कवात्तरा ने अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने के निर्णय का स्वागत किया।

श्रीराम मंदिर का निर्माण हो सकेगा : अशोक रोशा

श्रीमद्भागवद गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक अशोक रोशा ने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण हो सकेगा। 450 वर्षों से भी ज्यादा समय से भगवान श्री रामचंद्र के जन्म स्थान पर राम मंदिर के निर्माण की मांग उठ रही थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सराहते हुए लोगों को शांति बनाए रखने की अपील की। शीघ्रातिशीघ्र राम मंदिर के निर्माण व राम राज्य की स्थापना हो सभी लोग सुखी रहें सभी लोग स्वस्थ रहें हमारा देश पुन: विश्व गुरु बने ऐसी कामना करनी चाहिए। राम मंदिर के फैसले की सराहना

प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मैहता ने कहा कि हमें अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान करना चाहिए और सभी संविधान में स्थापित सर्वधर्म समभाव में अपनी आस्था बनाए रखें। हमेशा सभी धर्मों ने देश को प्रगति पर अग्रसर किया है। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से आया फैसला सराहनीय है।


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