किसान भावांतर भरपाई योजना में आलू, गाजर व मटर के लिए 30 नवंबर तक पंजीकरण : बिस्ला
बागवानी उत्पादकों के लिए मंडी में उनके उत्पादन के कम दाम मिलने पर सरकार द्वारा भरपाई करने के लिए भावांतर भरपाई योजना चलाई गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य मंडी में सब्जी के कम दाम मिलने पर उसे सरकार द्वारा उचित दाम दिलवाना है।
संवाद सूत्र, बाबैन: बागवानी उत्पादकों के लिए मंडी में उनके उत्पादन के कम दाम मिलने पर सरकार द्वारा भरपाई करने के लिए भावांतर भरपाई योजना चलाई गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य मंडी में सब्जी के कम दाम मिलने पर उसे सरकार द्वारा उचित दाम दिलवाना है। ये शब्द जिला उद्यान अधिकारी जोगिद्र बिस्ला ने बाबैन में किसानों को जानकारी देते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना में इस बार किन्नू व अमरूद और सब्जियों में जैसे गाजर, मटर, शिमला मिर्च व बैंगन की फसलें शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि इससे पहले इस योजना में चार फसलें टमाटर, आलू, प्याज व फूलगोभी शामिल थी, लेकिन अब दो फलों सहित आठ सब्जियों को इस योजना में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना में अब किन्नू व अमरूद और आठ सब्जी फसल जैसे आलू, टमाटर, प्याज, गोभी, गाजर, मटर, शिमला मिर्च, बैंगन सहित कुल दस फसलें शमिल हैं। उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना का हरियाणा में 30 दिसंबर 2017 को करनाल जिले के गांव गांगर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुभारंभ किया गया था। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा के वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते है।