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मिट्टी को ताकतवर बना रहे गांव मेहरा के राजकुमार

गांव मेहरा के किसान राजकुमार मिट्टी को ताकतवर बनाने के साथ-साथ लोगों की सेहत सुधारने में जुटे हैं। उनके इसी प्रयास ने उन्हें प्राकृतिक खेती का राजा बना दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 08:40 AM (IST)
मिट्टी को ताकतवर बना रहे गांव मेहरा के राजकुमार
मिट्टी को ताकतवर बना रहे गांव मेहरा के राजकुमार

विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : गांव मेहरा के किसान राजकुमार मिट्टी को ताकतवर बनाने के साथ-साथ लोगों की सेहत सुधारने में जुटे हैं। उनके इसी प्रयास ने उन्हें प्राकृतिक खेती का राजा बना दिया है।

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राजकुमार ने साल 2006 से प्राकृतिक खेती में काम शुरू करने के बाद देश भर में अपनी पहचान बना ली है। आज आयुर्वेद के क्षेत्र में काम करने वाली बड़ी से बड़ी नामचीन कंपनी जहर मुक्त अनाज के लिए राजकुमार के खेत में दस्तक दे रही है। अपने 12 एकड़ खेत में राजकुमार आलू, मटर, टमाटर, गोभी, मूली, शलगम, मटर, गेहूं, धान और गन्ने सहित अन्य सब्जियों के साथ कई मसाले वाली फसलें भी उगा रहे हैं। वह आस-पास के किसानों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं। सबसे पहले मिट्टी की ताकत बढ़ाना जरूरी

किसान राजकुमार ने कहा कि अच्छी फसल के लिए सबसे पहले मिट्टी को ताकतवर बनाना जरूरी है। कई सालों से लगातार अंधाधुंध कीटनाशकों और रासायनिक खाद के प्रयोग से मिट्टी में जहर घुल रहा है। मिट्टी की ताकत खत्म होती जा रही है। ऐसे में सबसे पहले मिट्टी की ताकत को बचाना जरूरी है। मिट्टी को ताकतवर बनाने के लिए प्राकृतिक खेती ही सबसे अच्छा उपाय है। प्राकृतिक खेती में पानी की भी बचत

प्राकृतिक खेती में पारंपरिक खेती के मुकाबले 70 प्रतिशत पानी कम लगता है। भविष्य में पानी की कमी ही सबसे बड़ी समस्या बनेगी। हर साल तीन मीटर तक पानी नीचे जा रहा है। ऐसे में पानी को बचाने के लिए भी किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर मुड़ना होगा। उन्होंने साल 2006 में प्राकृतिक खेती की शुरुआत की थी। शुरुआत में उन्होंने प्रयोग के तौर पर थोड़े खेत में प्राकृतिक खेती शुरू की। इसके बाद धीरे-धीरे 12 एकड़ में प्राकृतिक खेती शुरू कर दी है। फसल पकने से पहले पहुंच जाते हैं खरीदार

राजकुमार की जहर मुक्त खेती से तैयार अनाज को खरीदने के लिए लोग एडवांस में भी बुकिग करवा लेते हैं। हर बार फसल पककर तैयार होने से पहले उनके पास पूरी फसल के खरीदार पहुंच जाते हैं। गेहूं और चना खरीदने वालों लोगों ने अबसे पहले ही उनकी पूरी फसल की बुकिग करवा ली है। सरकार इस ओर भी दे ध्यान

उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। सरकार की ओर से इस खेती को बढ़ावा देने के लिए अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। सरकार को चाहिए वह इस खेती की ओर ध्यान दे और प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का सहयोग करे।


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