इस्माईलाबाद में वर्षा, मंडी में बहा गेहूं
संवाद सहयोगी इस्माईलाबाद अनाज मंडी में झमाझम बरसात के चलते किसानों का बिकवाली के लिए आया गेहूं नालों की ओर बह गया।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद :
अनाज मंडी में झमाझम बरसात के चलते किसानों का बिकवाली के लिए आया गेहूं नालों की ओर बह गया। इसे रोकने के लिए किसानों को गेहूं के भरे कट्टों से नाके लगाने पड़े। गेहूं को बचाने के लिए किसानों ने यहां वहां से तिरपालों का प्रबंध किया। बरसात ने एक बार फिर गेहूं के सीजन पर बैरक लगा दिए हैं।
बुधवार को दोपहर बाद यकायक मौसम का मिजाज बिगड़ गया। पहले तेज अंधड़ चला। इसके बाद ओलावृष्टि के साथ जमकर बरसात हुई। बरसात ने किसानों को अनाज मंडी में संभलने का भी अवसर नहीं दिया। किसानों ने जगह की कमी के चलते सड़क व पानी की निकासी के रास्तों पर बिकवाली के लिए गेहूं डाला हुआ था। ऐसी गेहूं के आसपास पानी जमा हो गया। कई जगहों पर पानी गेहूं को नाले की ओर बहा ले गया। मगर इसे किसानों ने समय रहते संभाल लिया। कई जगहों पर तो गेहूं के ढेर के चारों ओर ही पानी जमा हो गया। सड़क पर लगे ढेरों का गेहूं भी बरसात में यहां वहां बहा। किसानों ने जैसे तैसे तिरपाल के प्रबंध किए। बरसात एक घंटा लगातार चली। जिससे मंडी में जगह जगह जल भराव हो गया। सरकारी एजेंसियों ने तुरंत प्रभाव से गेहूं की भराई बंद करवा दी। वहीं किसानों को एक बार फिर बरसात ने ठहरने पर मजबूर कर दिया है। गेहूं का चरम पर जारी सीजन अब फिर थम गया है। वहीं खेतों में जहां गेहूं कटाई बंद हो गई है वहीं तूड़ी बनाने का काम ठप्प पड़ गया है। दस लाख से अधिक कट्टे भीगे सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदे गेहूं का उठान समय पर नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते बरसात में दस लाख से अधिक कट्टे बरसात की भेंट चढ़े। अब इन कट्टों के चटठे आढ़तियों को अधिक मजदूरी वहन कर लगवाने पड़ रहे हैं। आढ़तियों के अनुसार जब तक कट्टे सूख नहीं जाते तब तक नियमित उठान आरंभ नहीं हो पाएगा। वहीं आसपास के राइस मिल भी गेहूं से अंटे हुए हैं। वहां भी गेहूं बरसात की भेंट चढ़ा।