एनआइटी के एक विभाग में डीआरसी कमेटी पर उठे सवाल
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में पहले शिक्षकों की वरिष्ठता सूची और अब एक विभाग में डिपार्टमेंट रिसर्च कमेटी (डीआरसी) में सदस्य नियुक्ति पर सवाल उठने लगे हैं। डीआरसी में सदस्य नियुक्त करते समय नियमों की अनदेखी की शिकायत मिलने पर विभागाध्यक्ष ने भी इसकी जांच करवाई गई है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में पहले शिक्षकों की वरिष्ठता सूची और अब एक विभाग में डिपार्टमेंट रिसर्च कमेटी (डीआरसी) में सदस्य नियुक्ति पर सवाल उठने लगे हैं। डीआरसी में सदस्य नियुक्त करते समय नियमों की अनदेखी की शिकायत मिलने पर विभागाध्यक्ष ने भी इसकी जांच करवाई गई है। हालांकि कमेटी की जांच के बाद भी कोई अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि जांच के बाद संबंधित शिक्षक से सदस्यता वापस ले ली है।
एनआइटी के सभी विभागों में डीआरसी का गठन कर इसके सदस्य नियुक्त किए गए हैं। इसी कमेटी को विभाग के शोध संबंधी कार्याें के फैसले लेने होते हैं। नियमानुसार इस कमेटी का सदस्य बनने के लिए किसी भी सदस्य के लिए साइंस साइटेशन इंडेक्स (एससीआइ) और स्कोपस इंडेक्स जर्नल में पांच पेपर होने अनिवार्य हैं। एससीआइ में शामिल रिसर्च पेपरों को इसके लिए वरीयता दी जाती है, लेकिन विभागाध्यक्ष को भेजी गई शिकायत में एक सदस्य ने यह शर्तें पूरी न करने की बात कही गई थी। शिकायत मिलने पर विभागाध्यक्ष की ओर से इसकी जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी गठित की गई।
बताया जा रहा है कि इस सदस्य ने अपने सात रिसर्च पेपर होने की बात कही थी। इस पर कमेटी ने पड़ताल की तो उसको तीन रिसर्च पेपर ही एससीआइ में शामिल मिले हैं। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद विभागाध्यक्ष ने उनकी सदस्यता वापस ले ली है। हालांकि इस मामले में कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। सीनेट में उठा था शिक्षकों की वरिष्ठता सूची का मामला
इससे पहले सीनेट की बैठक में शिक्षकों की वरिष्ठता सूची न होने का मामला भी उठा था। इसके पीछे शिक्षकों की मंशा एनआईटी में शिक्षकों को अन्य पदों पर जिम्मेदारी देते समय वरिष्ठता का ध्यान रखने की आवाज उठाना था। सीनेट के सामने सवाल उठने पर स्वयं एनआईटी निदेशक ने इस मामले पर कमेटी गठित करने की बात कही थी। अब यह नया मामला डीआरसी में नियुक्ति को लेकर उठा है। डीआरसी की सदस्यता के लिए हैं नियम
एनआइटी लोकसंपर्क विभाग के प्रभारी डा. आरपी चौहान ने बताया कि डीआरसी की सदस्यता के लिए योग्यता तय की गई है। किसी विभाग में शिकायत मिलने के मामले की उनको जानकारी नहीं है। वह इस बारे में पता कर ही बता सकते हैं।