मुख्यमंत्री स्कूल सुंदरीकरण योजना पर खड़े किए सवाल
राजकीय विद्यालयों को सुंदर और स्वछ बनाने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री स्कूल सुंदरीकरण योजना पर सवाल उठने लगे हैं। गांव मुगलमाजरा की पंचायत ने चयन प्रक्रिया में पक्षपात का आरोप लगाए हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
राजकीय विद्यालयों को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री स्कूल सुंदरीकरण योजना के तहत स्कूलों की चयन प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। इस योजना में पक्षपात का आरोप लगाते हुए गांव मुगलमाजरा की पंचायत ने सीएम विडो पर भी शिकायत सौंपी है। उन्होंने अपनी शिकायत में दोबारा से निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। इससे पहले उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी शिकायत सौंपी थी, लेकिन कोई समाधान न होने पर सीएम विडो पर शिकायत दी है। इस योजना के तहत सर्वे टीम ने गांव पटाक माजरा के प्राथमिक स्कूल को जिला में पहला स्थान दिया है।
सीएम विडो पर सौंपी गई शिकायत में कहा गया कि गांव मुगल माजरा के प्राथमिक स्कूल में सभी कमरों में एलईडी लगी हुई हैं, स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इतना ही नहीं स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बड़े-बड़े निजी स्कूलों के बराबर की सुविधाएं दी जा रही हैं। सुंदरता और स्वच्छता में भी यह स्कूल किसी से कम नहीं है।
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खूला चैलेंज, निष्पक्ष की जाए जांच
गांव सरपंच रणजीत सिंह ने कहा कि टीम ने पक्षपात करते हुए किसी दूसरे स्कूल को जिला में पहला स्थान दिया है। वह खूला चैलेंज करते हैं कि किसी दूसरी टीम से निष्पक्ष जांच करवाई जाए तो हर लिहाज से उनका स्कूल पहले स्थान पर आएगा।
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सम्मानित होने के नाम पर विजेताओें से ही उगाही
दूसरी ओर शुक्रवार को सभी ब्लॉक और जिला स्तर पर विजेता रहे स्कूलों की डीईओ कार्यालय में बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सभी को बताया गया कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में उन्हें मुख्यातिथि के हाथों सम्मानित करवाया जाएगा। इस मौके पर सभी को प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे, लेकिन इन प्रशस्ति पत्रों को बनवाने के लिए शिक्षा विभाग के पास कोई बजट नहीं है। ऐसे में सभी स्कूलों को ही अपनी ओर से सहयोग करना होगा। इसी लेकर स्कूलों से 50-50 रुपये एकत्रित करने की बात कही जा रही है।
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भेज दिया गया है शिकायत का जवाब
जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने बताया कि गांव मुगल माजरा की ओर से सौंपी गई शिकायत का उन्होंने जवाब भेज दिया है। योजना में अव्वल आने वाले स्कूलों का चयन टीम की ओर से किया जाता है। इसके चेयरमैन एडीसी होते हैं। तत्कालीन एडीसी का तबादला हो गया है। टीम ने जांच के बाद ही पटाक माजरा के स्कूल को प्रथम स्थान के लिए चयनित किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल प्रशस्ति बनवाने के लिए पैसे नहीं लिए गए हैं।