प्रापर्टी असेसमेंट नोटिस बांटने का काम शाहाबाद में पूरा
जिले में प्रापर्टी असेसमेंट नोटिस बांटने का काम शाहाबाद में पूरा हो गया है। यहां 14 हजार 137 में से 12 हजार 740 प्रापर्टी मालिकों को असेसमेंट नोटिस दिया जा चुका है जबकि एक हजार 408 संपत्तियां बची हैं। इनमें प्रोपर्टी मालिकों के नोटिस लेने से मना करने और सरकारी संपत्ति शामिल हैं।
-14 हजार 137 में से 12 हजार 740 प्रापर्टी मालिकों को भेजे गए असेसमेंट नोटिस
-एक हजार 408 बचे, इनमें से ज्यादातर सरकारी संपत्ति, कुछ ने नोटिस लेने से भी किया है मना जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले में प्रापर्टी असेसमेंट नोटिस बांटने का काम शाहाबाद में पूरा हो गया है। यहां 14 हजार 137 में से 12 हजार 740 प्रापर्टी मालिकों को असेसमेंट नोटिस दिया जा चुका है, जबकि एक हजार 408 संपत्तियां बची हैं। इनमें प्रोपर्टी मालिकों के नोटिस लेने से मना करने और सरकारी संपत्ति शामिल हैं। वहीं जिले में थानेसर नगर परिषद, इस्माईलाबाद, लाडवा और पिहोवा में असेसमेंट नोटिस बांटने का काम किया जा रहा है। मगर दूसरी तरफ इन असेसमेंट नोटिसों में गलतियों को लेकर नगर के प्रतिनिधि दोबारा से सर्वे कराने की मांग भी कर रहे हैं। नोटिसों में लोगों को झेलनी पड़ रही है परेशानी : गुलशन
पूर्व पार्षद डा. गुलशन कवातरा इन असेसमेंट नोटिसों के खिलाफ रोष भी जता चुके हैं। नोटिसों में अधिकांश जनता को परेशानी झेलने का उन्होंने आरोप लगाया है। इनमें अनेक प्रकार की खामियां हैं जिन्हें ठीक करवाने के लिए आमजन को समय की बर्बादी के साथ अन्य कठिनाई झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। कामर्शियल और रिहायशी संपत्तियों के मालिकों को नोटिस भेजे जाने में अनियमितताएं बरती गई हैं। ऐसे में सर्वे दोबारा से किया जाना चाहिए। वार्ड नंबर सात कमेटी बाजार के उत्तरी साइड वाले कुछ हिस्से को ही अनाधिकृत कालोनी बताया गया है। कुछ को लाल डोरा के अंदर होने के सबूत मांगे जा रहे हैं। किसी को डेवलपमेंट चार्ज की रसीद लाने के लिए कहा जाता है तो किसी से रजिस्ट्री मंगवाई जा रही है। आपत्तियों को किया जा रहा है दूर : कैलाश
शाहाबाद में कंपनी के सुपरवाइजर कैलाश कुमार ने बताया कि महज 1408 प्रोपर्टी असेसमेंट नोटिस रह गए हैं। इनमें से भी ज्यादातर नोटिस सरकारी इमारतों के हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे नोटिस भी हैं, जिन्होंने लेने से मना कर दिया है। फिलहाल नगर पालिका में जो भी नोटिस लेकर आ रहे हैं उनकी आपत्तियों को दूर किया जा रहा है।