मोदी ने खींची कुरुक्षेत्र के विकास की तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र और प्रदेश के मुद्दों के साथ स्थानीय मुद्दों को भी भाषण में खास तवज्जो दी। लोगों को यह आशा थी कि पीएम अनुच्छेद 370 पर जरूर बोलेंगे मगर उनकी उत्सुकता इस बात को लेकर ज्यादा थी कि कुरुक्षेत्र के कौन से मुद्दे उनके भाषण में शामिल होंगे।
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र और प्रदेश के मुद्दों के साथ स्थानीय मुद्दों को भी भाषण में खास तवज्जो दी। लोगों को यह आशा थी कि पीएम अनुच्छेद 370 पर जरूर बोलेंगे, मगर उनकी उत्सुकता इस बात को लेकर ज्यादा थी कि कुरुक्षेत्र के कौन से मुद्दे उनके भाषण में शामिल होंगे। लोगों के मूड को देखते हुए प्रधानमंत्री ने भी ब्रह्मसरोवर तीर्थ के सुंदरीकरण और एलिवेटेड ट्रैक से कुरुक्षेत्र के लोगों को अपने भाषण से जोड़ा।
उन्होंने कहा कि केंद्र और हरियाणा सरकार की केमिस्ट्री से कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हुआ है। कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र देश भर में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक सिरमौर है। मनोहर सरकार ने गीता जयंती महोत्सव को और समृद्ध बनाया है। पौराणिक ब्रह्मसरोवर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी क्या हालत थी, कुरुक्षेत्र के लोग क्या यह नहीं जानते, देशभर से आने वाले पर्यटक वह नहीं देखते थे, मगर ब्रह्मसरोवर को पुनर्जीवित करने से अब यहां का आकर्षण और बढ़ गया है। केंद्र सरकार का प्रयास है कि कुरुक्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण स्थलों की चर्चा पूरे विश्व में हो। यहां ऐसा विकास हो जिससे देश और दुनिया से जुड़े पर्यटक बार-बार कुरुक्षेत्र आने को विवश हों। गीता जयंती की गूंज अब विश्व भर में हो रही है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान दिलाने का काम भी मनोहर सरकार ने किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले शहर के लोगों को रेलवे फाटकों की वजह से दिक्कत होती थी। जब भी ट्रेन आती या जाती थी तो शहर के लोग जाम में फंस जाया करते थे, लेकिन एलिवेटेड ट्रैक होने का लाभ भी अब लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि यही विकास हमारा विश्वास है।
कुरुक्षेत्र को बताया कर्म और संदेश की धरती
प्रधानमंत्री ने कुरुक्षेत्र को कर्म और संदेश की धरती बताया। उन्होंने कहा कि हमने जो योजनाएं शुरू की थीं, इस धरती पर आकर कह सकता हूं कि उन सबको जमीन पर उतारना शुरू कर दिया है। श्रीकृष्णा सर्किट के अंतर्गत हम उन सभी स्थानों का विकास और जीर्णोद्धार कर रहे हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े हैं। प्रयास यही है कि कुरुक्षेत्र जैसे स्थानों की चर्चा पूरे विश्व में हो।