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ब्रह्मासरोवर के घाट पर बाजीगर कला और कच्ची घोड़ी नाच को मिल रहा जीवन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (आइजीएम) में लुप्त हो रही कलाओं को भी एक मंच मिल रहा है। ब्रह्मासरोवर के घाटों पर लुप्त होने की कगार पर पहुंची बाजीगर कला और कच्ची घोड़ी नाच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 11:39 PM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 11:39 PM (IST)
ब्रह्मासरोवर के घाट पर बाजीगर कला और कच्ची घोड़ी नाच को मिल रहा जीवन
ब्रह्मासरोवर के घाट पर बाजीगर कला और कच्ची घोड़ी नाच को मिल रहा जीवन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (आइजीएम) में लुप्त हो रही कलाओं को भी एक मंच मिल रहा है। ब्रह्मासरोवर के घाटों पर लुप्त होने की कगार पर पहुंची बाजीगर कला और कच्ची घोड़ी नाच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। बाजीगर कला को देख दर्शकों के कदम एकाएक थम रहे हैं और कच्ची घोड़ी की नाच करने वाली टीम के साथ युवा पीढ़ी सेल्फी ले रही है। इससे आइजीएम हरियाणा की लोक कला और संस्कृति की लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी कई विधाओं को संरक्षित करने का काम कर रहा है।

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उत्तर क्षेत्रीय कल्चरल सेंटर (एनजेडसीसी) पटियाला और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के साथ-साथ राज्य सरकार की तरफ से हरियाणा ही नहीं विभिन्न प्रदेशों की लोक संस्कृति को संरक्षित करने और कलाकारों को एक मंच मुहैया करवाने का काम आइजीएम के जरिए किया जा रहा है। इस महोत्सव में चार प्रदेशों की लोक कला को पर्यटकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। इन चार प्रदेशों के उन लोक नृत्यों को कलाकार प्रस्तुत कर रहे हैं, जो लोक कला लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। लोक कलाकार हरपाल नाथ ने बताया कि प्रदेश में करीब 300 कलाकार ही बचे हैं जो बीन, तुंबा, ढोलक, खजरी बजा कर जोगी नाथ बीन सपेरा परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। कलाकार पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित होकर बीन, तुंबा, ढोलक, खजरी बजाकर लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। यह महोत्सव लोक कलाकारों का एक बड़ा मंच बन चुका है।

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क्राफ्ट मेले में पहंचे 35 राष्ट्रीय अवार्डी शिल्पकार एनजेडसीसी के अधिकारी महेंद्र कुमार व राजेश बसी ने बताया कि अंतरराष्ट्री गीता महोत्सव 2018 में 200 से ज्यादा शिल्पकार पहुंच चुके हैं। इनमें 35 राष्ट्रीय अवार्डी, 35 राज्य अवार्डी, तीन संत कबीर अवार्डी, नौ राष्ट्रीय प्रमाण पत्र अवार्डी व 12 जिलास्तरीय अवार्ड विजेता शामिल हैं।

--- हिमाचल के सिरमौरी नाटी और उत्तराखंड के छपेली की होगी प्रस्तुति एनजेडसीसी की तरफ से 12 दिसंबर तक पंजाब का ¨जदवा, हिमाचल का सिरमौरी नाटी, जम्मू कश्मीर का हिमाली, उत्तराखंड का छपेली और राजस्थान का चेरी घूम्मर पर्यटकों का मनोरंजन करेगा और 13 दिसंबर के बाद कई और राज्यों के कलाकार महोत्सव में पहुंच जाएंगे।

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पहले ही दिन से खरीदारी शुरू शिल्प और सरस मेले में पर्यटकों ने शनिवार से ही खरीदारी शुरू कर दी है। एक तरफ जहां पर्यटक ब्रह्मासरोवर के तट पर खिली धूप में विभिन्न प्रदेशों के व्यंजनों का स्वाद चख रहे हैं, वहीं अलग-अलग स्टालों पर जाकर खरीदारी भी कर रहे थे।


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