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श्रद्धा व उत्साह से मनाया श्री गुरु नानक देव जी महाराज का 550 साला प्रकाश उत्सव

गुरबाणी शबद और नाम सिमरन कर संगत को पाखंड व अंध विश्वास के मक्कड़ जाल से दूर रहना चाहिए। व्यक्ति को संसारिक यात्रा से मुक्ति दिलाने में सच्चे व पवित्र मन से नाम सिमरन ही अचूक माध्यम है। श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 550 साला प्रकाश उत्सव पर धाíमक समागम में यह विचार गुरबाणी कथावाचक ज्ञानी गुरपाल सिंह ने व्यक्त किए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:30 AM (IST)
श्रद्धा व उत्साह से मनाया श्री गुरु नानक देव जी महाराज का 550 साला प्रकाश उत्सव
श्रद्धा व उत्साह से मनाया श्री गुरु नानक देव जी महाराज का 550 साला प्रकाश उत्सव

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : गुरबाणी, शबद और नाम सिमरन कर संगत को पाखंड व अंध विश्वास के मक्कड़ जाल से दूर रहना चाहिए। व्यक्ति को संसारिक यात्रा से मुक्ति दिलाने में सच्चे व पवित्र मन से नाम सिमरन ही अचूक माध्यम है। श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 550 साला प्रकाश उत्सव पर धाíमक समागम में यह विचार गुरबाणी कथावाचक ज्ञानी गुरपाल सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गुरबाणी, शब्द और नाम सिमरन तीनों ही अमृत हैं। इन तीनों से मानव को आत्मिक जीवन व शांति मिलती है। नाम सिमरन-अमृत से सभी कष्ट दूर होते हैं। यही संदेश श्री गुरु नानक देव महाराज ने देश-दुनिया को दिया। ज्ञानी गुरपाल सिंह ने संगत को गुरु साहिब द्वारा नारी जाति के सम्मान की शिक्षा को भी जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी महाराज के जन्म एवं जीवन इतिहास का प्रसंग सुनाते हुए संगत को भाव विभोर कर दिया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के समक्ष शीश नवाने पहुंचे एसजीपीसी मेंबर जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना ने कहा कि अमृत पान करके व्यक्ति जीवन को सुखमयी बना सकता है। धर्म प्रचार कमेटी के मेंबर जत्थेदार तजिद्रपाल सिंह लाडवा ने कहा कि गुरबाणी में जिन शिक्षाओं को उल्लेख किया गया है, उन्हें पहले गुरु साहिबान ने अपने जीवन में आत्मसात किया। समागम में मंगल सिंह सलपानी ने भी गुरु इतिहास से संगत को जोड़ा। कार्यक्रम में गुरबाणी कीर्तन, ढाडी वारों व गुरबाणी कथा के उपरांत सहज पाठ भी किया गया। हैड ग्रंथी ज्ञानी गुरदास सिंह ने गुरु चरणों में सरबत के भले की अरदास की।

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हजूरी रागी ने शबद कीर्तन से संगत को किया निहाल

श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई जलविद्र सिंह ने गुरबाणी के माध्यम से श्री गुरु नानक देव महाराज के जीवन प्रसंग भी सुनाए। शबद कीर्तन के साथ-साथ उन्होंने अमृतपान करने के लिए भी संगत को प्रेरित किया। श्री दरबार साहिब से भाई निर्मल सिंह ढाडी जत्थे ने भी श्री गुरु नानक देव जी महाराज की जीवन साखी सुना कर संगत को निहाल किया। गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी भाई मलिद्र सिंह ने कहा कि प्रभु नाम सिमरन व्यक्ति को सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाता है। ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही सातवीं में अमृत संचार कार्यक्रम कराया गया, जिसमें प्राणियों ने अमृतपान किया। गुरु साहिब की शिक्षाओं को अपना कर जीवन बनाए सुखमय : बाबा सतनाम सिंह

प्रकाश उत्सव पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज के समक्ष नतमस्तक होने पहुंचे गुरुद्वारा नीलधारी संप्रदाय पिपली साहिब के प्रमुख बाबा सतनाम सिंह (राजा जोगी) ने संगत का मार्गदर्शन किया। उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी महाराज द्वारा लोक दिखावे से दूर रह कर मानव सेवा के संदेश का उल्लेख किया। इससे पहले यहां पहुंचने पर बाबा सतनाम सिंह खालसा, भाई साहिब निर्मल सिंह खालसा व प्रबंधक अमरिद्र सिंह ने सिरोपा भेंट कर उनका अभिनंदन किया।


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