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थर्ड डिग्री की कहानी, निर्दोष को अपराधी बता पीटा, अब सात पुलिसकर्मी अपराधी

लाडवा के गांव बन के एक युवक के साथ मारपीट जबरदस्त उठा कर थर्ड डिग्री का प्रयोग करने के मामले में अदालत ने सात पुलिसकर्मी पर केस दर्ज करने के आदेश दिए।

By Edited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 06:32 AM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 06:32 AM (IST)
थर्ड डिग्री की कहानी, निर्दोष को अपराधी बता पीटा, अब सात पुलिसकर्मी अपराधी
थर्ड डिग्री की कहानी, निर्दोष को अपराधी बता पीटा, अब सात पुलिसकर्मी अपराधी
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : लाडवा के गांव बन के एक युवक के साथ मारपीट, जबरदस्त उठा कर थर्ड डिग्री का प्रयोग करने के मामले में अदालत के आदेश पर थाना लाडवा पुलिस ने अपराध शाखा दो के तत्कालीन प्रभारी दीपेंद्र ¨सह सहित सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जेएमआइसी चेतेश गुप्ता की अदालत ने इस संबंध में आदेश दिए हैं। अदालत से आठ फरवरी 2019 को आदेश होने के लगभग एक माह बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। गांव बन निवासी सचिन कुमार ने बताया कि पुलिस की अपराध शाखा दो के पुलिस कर्मी आठ अगस्त की सुबह सात बजे सिविल वर्दी में उनके घर आए थे। पुलिस कर्मी उसे जबरदस्ती घर से उठाकर ले गए और कहा कि उसके पास अवैध देसी पिस्तौल है। सचिन का आरोप है कि उस पर थर्ड डिग्री का प्रयोग किया गया। जब उसके पिता राजकुमार व ग्रामीण पुलिस की अपराध शाखा के कार्यालय में पहुंचे तो उसे रात आठ बजे छोड़ा गया था और उसके पिता से कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए थे। सचिन का आरोप था कि उसके साथ इतनी मारपीट की गई कि वह कई दिन तक चलने-फिरने में भी असमर्थ रहा। उसने पहले अपनी शिकायत पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र पाल ¨सह को दी थी। इसके बाद डीजीपी हरियाणा को भी शिकायत दी थी। एसपी ने किया था लाइन हाजिर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र पाल ¨सह ने सचिन की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की अपराध शाखा के तत्कालीन प्रभारी दीपेंद्र ¨सह सहित सात पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया था। अदालत ने इनके खिलाफ दिए केस दर्ज करने के आदेश जेएसआइसी चेतेश गुप्ता की अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को तत्कालीन प्रभारी दीपेंद्र, एसआइ सुभाष चंद, मुख्य सिपाही ललित कुमार, निर्मलजीत ¨सह, सिपाही अर¨वद, नवीन व संदीप के खिलाफ अवैध रूप से हिरासत में रखने, मारपीट व जान मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। छह माह से बिस्तर पर हूं : सचिन शिकायतकर्ता सचिन का कहना है कि पुलिस की मारपीट के कारण वह चलने फिरने में भी असमर्थ हो गया था। पिछले छह माह से वह बिस्तर पर है, जबकि वह गुरुकुल कुरुक्षेत्र का योग प्रचारक था। उस समय उसे लगभग 15 हजार रुपये महीना का वेतन भी मिलता था। जिससे उसके परिवार का पालन-पोषण हो रहा था। डीएसपी अनिल कुमार करेंगे मामले की जांच पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी का कहना है कि पुलिस ने अदालत के आदेशानुसार मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार को सौंपी गई है। इस मामले में एससी-एसटी एक्ट भी लगा है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी।

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