प्लास्टिक मनी का चलन बढ़ा
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पांच सौ व एक हजार रुपये के नोटों के बंद होने के साथ ही बा
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
पांच सौ व एक हजार रुपये के नोटों के बंद होने के साथ ही बाजार में प्लास्टिक मनी का चलन बढ़ गया है। शॉ¨पग मॉल में तो डेबिट व क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने की सुविधा पहले ही थी अब थोक दुकानों व शोरूमों में भी उपभोक्ता इन्हीं के माध्यम से पेमेंट करने को तवज्जों देने लगे हैं। जहां स्वाइप मशीनें उपलब्ध हैं वहां लोग 40 से 45 प्रतिशत तक इसी से पेमेंट करने लगे हैं। हालांकि उन्हें दो प्रतिशत सर्विस चार्ज का भी डर रहता है।
पांच सौ व एक हजार रुपये के नोट अमान्य घोषित होने के बाद बाजार में मंदी का दौर छा गया था, जो अब पहले से कुछ सामान्य होने लगा है, लेकिन पिछले कुछ दिन लोगों को प्लास्टिक मनी का प्रयोग करना सिखा गए। लोग कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान समेत करियाना सामान लेने पर पेमेंट क्रेडिट व डेबिट कार्ड से करने लगे हैं। खासकर वित्तमंत्री द्वारा पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल डलवाने पर .73 प्रतिशत छूट से पेट्रोल पंपों पर इसका प्रयोग भी बढ़ने लगा है। वहीं बड़ी-बड़ी फ्रेंचाइजी कंपनियों में स्वाइप पर कोई चार्ज न कटने के चलते उपभोक्ता बड़ी सुपर मार्केट व शोरूमों की ओर रुख करने लगे हैं। इतना ही नहीं होटल, सुपर मार्केट, शोरुम व लगभग सभी बड़े व्यवसायिक संस्थानों पर स्वाइप मशीन के जरिए पेमेंट करने वालों का प्रतिशत भी बढ़ गया है। मेजबान होटल मैनेजर राजपाल के अनुसार होटल में आने वाले लोग अब क्रेडिट व डेबिट कार्ड से पेमेंट करने को तवज्जों देते हैं। ईजी डे मैनेजर आरती ने बताया कि पिछले पांच दिनों से ज्यादातर लोगों ने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ही पेमेंट की है। उनके अनुसार इन दोनों ही कार्ड के जरिए अदायगी करने वाले उपभोक्ताओं में 40 प्रतिशत तक वृद्धि हो गई है।