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ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया बनवाने के लिए पोरबंदर से कुरुक्षेत्र तक की पांच करोड़ी हरित पगयात्रा

ग्रीन मैन विजयपाल बघेल ने शनिवार को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर पांच करोड़ी हरित पगयात्रा के 100वें दिन ब्रह्मसरोवर क्षेत्र स्थित बिश्नोई धर्मस्थल परिसर में मौलश्री का रोपण कर ऐतिहासिक पदयात्रा का विधिवत समापन किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 07:40 AM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 07:40 AM (IST)
ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया बनवाने के लिए पोरबंदर से कुरुक्षेत्र तक की पांच करोड़ी हरित पगयात्रा
ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया बनवाने के लिए पोरबंदर से कुरुक्षेत्र तक की पांच करोड़ी हरित पगयात्रा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ग्रीन मैन विजयपाल बघेल ने शनिवार को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर पांच करोड़ी हरित पगयात्रा के 100वें दिन ब्रह्मसरोवर क्षेत्र स्थित बिश्नोई धर्मस्थल परिसर में मौलश्री का रोपण कर ऐतिहासिक पदयात्रा का विधिवत समापन किया। उन्होंने ग्रीन वाल ऑफ इंडिया का जन जागरण करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की गंभीर समस्या का दंश पूरा विश्व झेल रहा है, लेकिन देश में बढ़ते प्रदूषण से हो रहे प्राकृतिक असंतुलन के निदान के लिए व्यवहारिक योजनाओं का अभाव दिखाई दे रहा है। देश में आज पर्यावरण आपातकाल की स्थिति है, सांसों का अकाल पड़ रहा है। जिसका मूल कारण घटती हरियाली ही है क्योंकि सांस बनाने के कारखाने माने जाने वाले वृक्ष कम हो रहे हैं।

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बघेल ने कहा कि मौसम बदलाव के समय तो देश एक गैस चैंबर बन जाता है। जिसका दोष दिवाली और पराली को देकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। भौतिक युग में प्रकृति की किसी को कोई चिता नहीं है जिसके घातक परिणाम भावी पीढि़यों को झेलने पड़ेंगे। पानी बोतल की तरह ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर चलने की नौबत आ गई है। इसका निदान अब केवल ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया बनाने से ही संभव है। जो अरावली पर्वतमाला का कवच बनकर पश्चिमी विक्षोभ के वायु दबाव में आने वाली रेगिस्तान की धूल को रोकने का काम करेगी। बघेल ने बताया कि पोरबंदर से कुरुक्षेत्र तक 1600 किलोमीटर लंबी और 5 किलोमीटर चौड़ी ग्रीन वैली विकसित कराए जाने की मांग संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष उठाई थी। इस पर केंद्र सरकार विचार कर रही है। 11 दिसंबर के दिन दुनिया विश्व पर्वत दिवस मनाती है। उस दिन अरावली पर्वत श्रृंखला के अस्तित्व की रक्षा करने और ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया बनवाने की मांग को लेकर ग्लोबल ग्रीन पीस मिशन के तत्वावधान में पांच करोड़ी हरित पगयात्रा का शुभारंभ गुजरात के पोरबंदर से हुआ है। यह 100 दिवसीय पदयात्रा चार राज्यों के 28 जिलों से गुजरी है। जो अंतिम दिन कुरुक्षेत्र में 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर आखिरी पड़ाव तक पहुंचने में 5.2 करोड़ कदम चलकर मंजिल हासिल की है। अरब सागर से शुरू होकर गुजरात, राजस्थान, दिल्ली व हरियाणा के कुरुक्षेत्र तक हिमालय की तलहटी में शिवालिक पर्वत श्रेणी को छूने वाली इस प्रस्तावित ग्रीन वाल के साथ 16सौ किलोमीटर लंबी पदयात्रा में पांच करोड़ कदम चलने का संकल्प लिया गया। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर दूरी पदयात्रा के दौरान तय करने में 100 पड़ाव आए। कई राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दिक्कतों का सामना करते हुए राष्ट्रीय पदयात्रा का समापन किया गया।

पौधरोपण कर अनूठी पहल की

ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया का भूमि पूजन राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का रोपण कर किया गया। पदयात्रा में ग्रीनमैन विजयपाल बघेल के साथ नीतू सिंह, सुरेंद्र सिंह, मनोज कुमार, एडवोकेट रामवीर सिंह, उमापाल बघेल, राजकुमार, परविद्र तेवतिया, डॉॅ. अतुल वैध, मिहिर पाध्या, सुनिश कांत, लज्जा यादव, लक्ष्मी वर्मा, रामप्रकाश अग्रवाल, चंगेज अयूबी, आसिफ इब्राहिम मौजूद रहे। ---------------


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