प्रदेशभर में कुरुक्षेत्र के लोग भारत आयुष्मान योजना में उपचार लेने में दूसरे नंबर पर
प्रदेशभर में कुरुक्षेत्र के लोग भारत आयुष्मान योजना में उपचार लेने में दूसरे नंबर पर आए हैं। यहां अब तक छह हजार 561 लोग आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों में उपचार ले चुके हैं। इन रोगियों के उपचार में सरकार की ओर से छह करोड़ 56 लाख 70 हजार 755 रुपये खर्च किए गए।
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : प्रदेशभर में कुरुक्षेत्र के लोग भारत आयुष्मान योजना में उपचार लेने में दूसरे नंबर पर आए हैं। यहां अब तक छह हजार 561 लोग आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों में उपचार ले चुके हैं। इन रोगियों के उपचार में सरकार की ओर से छह करोड़ 56 लाख 70 हजार 755 रुपये खर्च किए गए। हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज होने पर स्टड, पथरी, हड्डी टूटने पर सर्जरी जैसे आपात उपचार मरीजों को निजी अस्पतालों में बिल्कुल फ्री मिल रहे हैं, जो उनके लिए संजीवनी बूटी का काम कर रहे हैं। सरल भाषा में मरीजों को भी पता होने चाहिए बीमारियों के पैकेज
गोल्डन कार्ड धारक मनीष ने कहा कि उनकी माता का उपचार आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पताल में हुआ है, लेकिन कौन सी बीमारी से पीड़ित मरीज इस योजना में अपना इलाज करा सकता है। इसकी जानकारी मरीजों को या तो है नहीं या फिर अशिक्षित होने के कारण उन्हें इसके बारे में पता नहीं चलता। मरीज कौन सी बीमारी से पीड़ित है इसके बारे में निजी अस्पताल संचालक को ही पता होता है, क्योंकि तकनीकी नाम अशिक्षित मरीज को पता होना मुश्किल होते हैं। ऐसे में यह निजी चिकित्सक के हाथ में आ जाता है कि वह चाहे तो उस मरीज को आयुष्मान योजना के तहत आने की बात बताए या उससे बाहर बताए। मरीजों के लिए सरल भाषा में भी बीमारियों के पैकेज के बारे में जानकारी होनी चाहिए, ताकि अगर कोई निजी चिकित्सक जाने-अनजाने में मरीजों को भ्रमित करने का प्रयास करे तो मरीज के परिजनों को भी पता हो कि उसके परिजन का इलाज इस योजना में हो सकता भी है या नहीं। गोल्डन कार्ड बनाने में कुरुक्षेत्र सबसे अव्वल रहा
आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड बनाने में जिला सबसे अव्वल चल रहा है। एक साल के अंदर-अंदर कुरुक्षेत्र के आयुष्मान मित्रों ने 69 हजार 567 परिवारों में से 37 हजार 809 परिवारों के हेल्थ कार्ड बनाकर उन्हें सौंप भी दिए हैं। यानी कार्ड बनाने का 54.35 प्रतिशत टारगेट कुरुक्षेत्र टीम ने पहले ही साल में पूरा कर लिया। जबकि दूसरे नंबर पर मुख्यमंत्री का जिला करनाल है। जहां पर एक लाख 15 हजार 35 परिवारों में से 46 हजार 556 परिवारों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। करनाल ने कार्ड बनाने का 40.47 प्रतिशत टारगेट पूरा कर लिया है। इसके बाद तीसरे नंबर पर यमुनानगर है जहां 39.83 प्रतिशत और चौथे पर महेंद्रगढ़ 39.02 प्रतिशत कार्ड बनाकर स्थान बना चुका है। इसके बाद पांचवें नंबर पर झच्जर है जहां 37.97 प्रतिशत कार्ड बनाए जा चुके हैं। प्रदेश में गोल्डन कार्ड बनाने की गति सबसे धीमी जिला फरीदाबाद में है। जहां पर महज 18.90 प्रतिशत परिवारों की ही आइडी बन पाई है।
आíथक रूप से कमजोर वर्ग को उपचार में बड़ा सहारा मिल रहा है : उज्वल
आयुष्मान योजना के जिला सूचना अधिकारी उज्वल ने कहा कि किसी भी परिवार के बजट का बड़ा हिस्सा दवाओं पर खर्च हो जाता है। मगर आयुष्मान योजना आने से आíथक रूप से कमजोर वर्ग को बड़ा सहारा मिल रहा है। जिले में साढ़े छह हजार से ज्यादा लोगों ने निजी अस्पतालों में जाकर उपचार लिया। आíथक रूप से कमजोर लोगों के कई तरह के गंभीर आपरेशन निजी अस्पतालों में हो रहे हैं।