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पतंजलि योगपीठ 200 एकड़ पर करेगा कम लागत प्राकृतिक खेती

देश का सबसे प्रगतिशील ब्रांड पतंजलि अब कम लागत प्राकृतिक खेती को अपनाएगा। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की पहल पर पतंजलि ने यह निर्णय लिया है। पतंजलि से आचार्य बालकृष्ण ने अपनी टीम के साथ गुरुकुल के कम लागत प्राकृतिक कृषि फार्म के अवलोकन के लिए पहुंचे। फार्म पर गन्ना गेहूं चना सहित हरी सब्जियों की फसलों का बारीकी से अध्ययन किया। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने विभिन्न फसलों पर आने वाली लागत और मुनाफे के बारे में आचार्य देवव्रत व फार्म मैनेजर गुरदीप ¨सह से चर्चा की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 05:10 AM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 05:10 AM (IST)
पतंजलि योगपीठ 200 एकड़ पर करेगा कम लागत प्राकृतिक खेती
पतंजलि योगपीठ 200 एकड़ पर करेगा कम लागत प्राकृतिक खेती

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : देश का सबसे प्रगतिशील ब्रांड पतंजलि अब कम लागत प्राकृतिक खेती को अपनाएगा। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की पहल पर पतंजलि ने यह निर्णय लिया है। पतंजलि से आचार्य बालकृष्ण ने अपनी टीम के साथ गुरुकुल के कम लागत प्राकृतिक कृषि फार्म के अवलोकन के लिए पहुंचे। फार्म पर गन्ना, गेहूं, चना सहित हरी सब्जियों की फसलों का बारीकी से अध्ययन किया। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने विभिन्न फसलों पर आने वाली लागत और मुनाफे के बारे में आचार्य देवव्रत व फार्म मैनेजर गुरदीप ¨सह से चर्चा की।

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आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि के पास अलग-अलग स्थानों पर लगभग 200 एकड़ की कृषि योग्य भूमि है। जिस पर वर्तमान में जैविक कृषि की जा रही है, मगर अब आचार्य देवव्रत प्रेरणा से इस भूमि पर कम लागत प्राकृतिक खेती की जाएगी। उन्होंने बताया कि पतंजलि की ओर से गन्ना, गेहूं, धान, दलहन की फसलों सहित बागवानी में आम, पपीता, मौसमी, माल्टा, अमरूद की खेती की जाती है। इसके अतिरिक्त औषधीय पौधे भी हैं। उन्होंने कम लागत प्राकृतिक खेती को किसानों तक पहुंचाने के आचार्य देवव्रत के प्रयासों की सराहना करते हुए इस अभियान को और मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए आचार्य के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का संकल्प लिया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि गुरुकुल के फार्म में प्राकृतिक कृषि को पूर्णरूप से अपनाया गया है। इसके परिणामस्वरूप गुरुकुल कुरुक्षेत्र के फार्म में गन्ने का उत्पादन 400 से 500 क्विंटल हुआ, जबकि अन्यों का 200 से 250 ¨क्वटल तक ही रहा। इसी प्रकार धान का उत्पादन अन्यों के 8 से 9 ¨क्वटल के मुकाबले गुरुकुल कुरुक्षेत्र फार्म में 12 ¨क्वटल तक दर्ज किया गया। गुरुकुल कृषि फार्म देश का मॉडल कृषि फार्म बनकर उभरा है, जिसे देशभर से किसान देखने आते हैं।

इस मौके पर आचार्य देवव्रत, गुरुकुल के प्रधान कुलवंत ¨सह सैनी, सह प्राचार्य शमशेर ¨सह, फार्म मैनेजर गुरदीप ¨सह सहित पतंजलि बायो रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉ. आरके शुक्ला, राजेश आनंद, डॉ. पूजा शाह, विजय शर्मा, अमरजीत ¨सह, विजय शर्मा मौजूद रहे।


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