Move to Jagran APP

फसलों के अवशेष जलाने वालों पर नजर रखेंगे कृषि अधिकारी

लाडवा के एसडीएम अनुभव मेहता ने कहा कि फसल अवशेष जलाना भारतीय दंड संहिता की धारा-188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कानूनन अपराध है इसलिए फसल अवशेष न जलाए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 07:23 AM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 07:23 AM (IST)
फसलों के अवशेष जलाने वालों पर नजर रखेंगे कृषि अधिकारी
फसलों के अवशेष जलाने वालों पर नजर रखेंगे कृषि अधिकारी

संवाद सहयोगी, लाडवा : लाडवा के एसडीएम अनुभव मेहता ने कहा कि फसल अवशेष जलाना भारतीय दंड संहिता की धारा-188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कानूनन अपराध है, इसलिए फसल अवशेष न जलाए। फसल अवशेष जलाने के कारण मनुष्य में श्वास रोग भी फैलता है तथा जमीन की उपजाऊ शक्ति भी नष्ट होती है।

loksabha election banner

एसडीएम अनुभव मेहता वीरवार को लाडवा के बीडीपीओ कार्यालय में लाडवा व बाबैन ब्लाक के पंचायत सचिवों, कृषि अधिकारियों व पटवारियों की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बैठक में फसलों के अवशेष जलाने वालों पर नजर रखने के आदेश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने फसल अवशेषों के प्रबंधन हेतु एक अहम स्कीम फसल अवशेष प्रबंधन लागू की है। सरकार किसानों को फसल अवशेषों की बेल बनाने पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ का अनुदान दे रही है। उक्त स्कीम का फायदा उठाने के लिए इच्छुक किसान विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने के नियमों का उल्लंघन करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि 22 सितंबर को समस्त जिले में फसल के अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगाने हेतु धारा-144 पारित की है। दो एकड़ तक फसल अवशेषों के जलाने पर 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ फसल अवशेषों को जलाने पर पांच हजार रुपये तथा पांच एकड़ से अधिक फसल अवशेषों को जलाने पर 15 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में आरोपित के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की जा सकती है।, इसलिए सभी किसानों से अनुरोध है कि वे फसल के अवशेषों को न जलाकर इन्हें भूमि की भौतिक, रासायनिक व जैविक स्थिति में सुधार करके फसलों की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाएं तथा वातावरण को भी स्वच्छ रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। बैठक में खंड कृषि अधिकारी डा. अमित कुमार, डा. इंद्रपाल, पटवारी वेद, कुलदीप सिंह, विकास व पंचायत सचिव विरेंद्र सिंह मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.