छह मिनट में विश्व रिकार्ड बनाने के लिए एक माह अभ्यास
श्रीमद्भागवद गीता की धरा से पूरे विश्व में गीता के ज्ञान की गूंज पहुंचाने के लिए 18 हजार विद्यार्थी लगभग एक माह पहले अपने स्कूलों में श्लोकोच्चारण का अभ्यास शुरू कर देते हैं जबकि शिक्षकों का काम इससे भी 15 दिन पहले शुरू हो जाता है। छह मिनट के इस विश्व रिकार्ड के लिए जिला प्रशासन की ओर से डेढ़ माह पहले बैठकों का दौर शुरू होता है।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : श्रीमद्भागवद गीता की धरा से पूरे विश्व में गीता के ज्ञान की गूंज पहुंचाने के लिए 18 हजार विद्यार्थी लगभग एक माह पहले अपने स्कूलों में श्लोकोच्चारण का अभ्यास शुरू कर देते हैं, जबकि शिक्षकों का काम इससे भी 15 दिन पहले शुरू हो जाता है। छह मिनट के इस विश्व रिकार्ड के लिए जिला प्रशासन की ओर से डेढ़ माह पहले बैठकों का दौर शुरू होता है। इसके लिए की जाने वाली लंबी तैयारी के बाद जब विद्यार्थी वैश्विक गीता पाठ में हिस्सा लेते हैं तो सभी के मुख से एक सुर में गीता के श्लोक निकलते हैं। 18 दिसंबर 2018 को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के मौके पर 12 बजे आयोजित हुए वैश्विक गीता पाठ के लिए थीम पार्क में उतरे 18 हजार स्कूली विद्यार्थियों ने इस बार विश्व रिकार्ड बना दिया है। इस विश्व रिकार्ड का प्रमाण पत्र यूके की संस्था वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड ने रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपा है। छह मिनट में बोले गए थे 18 गीता श्लोक
इस विश्व रिकार्ड को बनाने के लिए थीम पार्क में एकत्रित हुए 18 हजार स्कूली विद्यार्थियों ने एक सुर में छह मिनट तक 18 श्लोकों का उच्चारण किया था। इससे पहले यही विद्यार्थी एक साथ सूर्य नमस्कार भी करते हैं। इसके लिए एक माह पहले से ही स्कूलों में अभ्यास शुरू हो जाता है। पहले स्कूलों के प्रिसिपल उसके बाद शिक्षकों और पीटीआई की ली जाती है बैठक
वैश्विक गीता पाठ को लेकर सबसे पहले स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक ली जाती है। इसके बाद संस्कृत शिक्षक और शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों की बैठक ली जाती है। बैठक के बाद कार्यशाला आयोजित कर गीता पाठ को लेकर इंस्ट्रक्शन दी जाती हैं। एक माह पहले स्कूलों में अभ्यास, उसके बाद कलस्टर स्तर पर
एक माह पहले स्कूलों तक अष्टादश श्लोकी गीता पहुंचाई जाती है। इसके साथ ही इन्हीं श्लोकों की ऑडियो सीडी भी भेजी जाती है, ताकि स्कूली बच्चे ऑडियो को सुनकर उसी लय में उच्चारण करें। स्कूलों में किए जाने वाले अभ्यास पर नजर रखने के लिए मॉनिटरिग टीम गठित की जाती है, जो स्कूलों में निरीक्षण करती है। इस बार स्कूलों में अभ्यास करने के बाद दो बार कलस्टर स्तर पर अभ्यास किया गया। इस दौरान एक-एक हजार स्कूली बच्चों को साथ लेकर 18 कलस्टर बनाए गए, जहां पर अभ्यास किया गया। इसके बाद फाइनल से पहले एक बार थीम पार्क में भी रिहर्सल की गई। जहां संस्कृत के शिक्षक नहीं, वहां शिक्षक का करवाया जाता है प्रबंध
जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने बताया कि वैश्विक गीता पाठ के महत्व को देखते हुए जिन स्कूलों में संस्कृत के शिक्षक नहीं होते वहां के लिए शिक्षकों का भी प्रबंध किया जाता है। संत निश्चल सिंह और एसआइएस अकेडमी में संस्कृत के शिक्षक ही नहीं थे, ऐसे में इन स्कूलों के लिए बाहर से शिक्षक भेजे गए और बच्चों को अभ्यास करवाया गया। इसके बाद बच्चों ने थीम पार्क में एक सुर में श्लोकोच्चारण किया तो वह विश्व रिकार्ड बन गया।