निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूल में भी वाहन से जाएंगी छात्राएं
ग्रामीण अंचल में कई स्कूलों में विज्ञान और कॉमर्स विषयों के लिए संक
सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र
ग्रामीण अंचल में कई स्कूलों में विज्ञान और कॉमर्स विषयों के लिए संकाय नहीं हैं। ऐसे में छात्राओं को दूसरे गांवों में या फिर शहरों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाना पड़ता है। कई छात्राएं दूर न जा पाने के कारण मन मसोस कर दूसरे संकाय में ही दाखिला ले लेती हैं, लेकिन अब ऐसी छात्राओं के लिए प्रदेश सरकार की ओर से छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना की शुरुआत की है। उसका पूरा भुगतान शिक्षा विभाग की ओर से किया जाएगा। इस संबंध में विभाग की ओर से प्रदेश भर के प्राचार्यो और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर जानकारी दी गई है।
छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना के तहत विद्यालय प्रबंधन कमेटी अपने स्तर पर वाहन का प्रबंध कर सकती है। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से वाहन चालक को वाहन चालक को प्रतिदिन के हिसाब से एकमुश्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
यह छात्राएं होंगी पात्र
ऐसी छात्राएं जो आठवीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती हैं। तीन किलोमीटर के दायरे में इस योजना का लाभ दिया जाएगा। विज्ञान संकाय की छात्राओं को दिया जाएगा, क्योंकि कॉमर्स और आर्ट्स लगभग सभी स्कूलों में है। छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना के अंतर्गत वाहन चालक को प्रतिदिन के हिसाब से राशि की अदायगी की जाएगी। वाहन चालक को चार रुपये प्रति किलोमीटर के आधार पर 25 दिन की राशि अदा की जाएगी। योजना के तहत न्यूनतम दूरी छह किलोमीटर होगी, जिसमें तीन किलोमीटर आना और तीन किलोमीटर जाना शामिल होगा। अधिकतम दूरी 16 किलोमीटर होगी, जिसमें आना-जाना शामिल होगा।
छात्राओं के खाते में जाएगी राशि
जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने बताया कि इस संबंध में पत्र आ गया है। शिक्षा विभाग की ओर से छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना के तहत राशि सीधी छात्राओं के खाते में आएगी, ताकि इस राशि से अभिभावक, अध्यापक, प्रबंधन समिति अपने स्तर पर वाहन का प्रबंध कर सके। इसके अलावा अभिभावकों को ही ड्राइवर लगाने का अधिकार होगा। परिवार के सदस्यों में से भी ड्राइवर हो सकता है। कई छत्राओं का ग्रुप अगर जाए तो छात्राओं को ज्यादा फायदा हो सकता है।