अब गुजरे जमाने की बात हो जाएगी कुरुक्षेत्र-नरवाना ट्रैक पर डीजल इंजन
कुरुक्षेत्र-नरवाना रेलवे ट्रैक पर डीजल इंजन की ट्रेन चलना अब गुजरे जमाने की बात हो जाएगी। इसी माह से इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन के साथ ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। इसी माह के दूसरे सप्ताह में ईएमयू ट्रेन का परीक्षण हो सकता है, जिसकी जांच रेलवे सेफ्टी कमीश्नर करेंगे। इस परीक्षण के सफल होने के बाद ही इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेन को भी हरी झंडी मिल जाएगी। करीब 85 किलोमीटर के इस सफर पर जल्द ही यात्री इलेक्ट्रिक इंजन से चलती हुई ट्रेन को देखेंगे। रेलवे स्टेशन अधीक्षक एसएन गुप्ता ने बताया कि इस ट्रैक का विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। इसके विद्युतीकरण के बाद इलेक्ट्रिक इंजन चलने से यात्रियों को भी लाभ होगा।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र-नरवाना रेलवे ट्रैक पर डीजल इंजन की ट्रेन चलना अब गुजरे जमाने की बात हो जाएगी। इसी माह से इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन के साथ ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। इसी माह के दूसरे सप्ताह में ईएमयू ट्रेन का परीक्षण हो सकता है, जिसकी जांच रेलवे सेफ्टी कमीश्नर करेंगे। इस परीक्षण के सफल होने के बाद ही इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेन को भी हरी झंडी मिल जाएगी। करीब 85 किलोमीटर के इस सफर पर जल्द ही यात्री इलेक्ट्रिक इंजन से चलती हुई ट्रेन को देखेंगे। रेलवे स्टेशन अधीक्षक एसएन गुप्ता ने बताया कि इस ट्रैक का विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। इसके विद्युतीकरण के बाद इलेक्ट्रिक इंजन चलने से यात्रियों को भी लाभ होगा। शुक्रवार को होना था परीक्षण शुक्रवार को इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन का परीक्षण होना था, जिसकी जांच करने के लिए रेलवे सेफ्टी कमीश्नर आना था। मगर उनका आना रद होने के चलते परीक्षण अब अगले सप्ताह हो सकता है। हालांकि अभी तक इसके परीक्षण की आगामी सूचना नहीं आई है। मगर रेलवे प्रशासन ने अपनी ओर से इसको लेकर तैयारी शुरू कर ली है। नरवाना से चलेंगे डीजल इंजन पर 85 किलोमीटर के इस सफर पर रेलवे सेफ्टी कमीश्नर नरवाना से डीजल इंजन की गाड़ी से रवाना होकर कुरुक्षेत्र पहुंचेंगे। इसके बाद कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन से परीक्षण करने वाली इलेक्ट्रिक इंजन को हरी झंडी दिखाएंगे। यह इंजन परीक्षण करने के बाद नरवाना पहुंचेगा और अगर परीक्षण सफल रहता है तो जल्द ही इस पर इलेक्ट्रिक इंजन के साथ ट्रेन दौड़ने लगेगी। अब तक इस ट्रैक पर डीजल इंजन की ट्रेन ही आवाजाही कर रही है। विद्युतीकरण होने के बाद इलेक्ट्रिक इंजन चलने से इससे वायु प्रदूषण भी कम होगा। साथ इलेक्ट्रिक इंजन लगने से ट्रेन की स्पीड में भी तेजी आएगी, क्योंकि डीजल इंजन स्पीड पकड़ते हुए समय लेता है जबकि इलेक्ट्रिक इंजन तुरंत स्पीड पकड़ने में सक्षम है। ऐसे में यात्रियों का सफर का समय भी कुछ कम होगा।