ऑनलाइन के दौर में कुवि में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन रिटर्न
कोविड 19 के दौर में देशभर के विश्वविद्यालयों और विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई का दौर चल रहा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
कोविड 19 के दौर में देशभर के विश्वविद्यालयों और विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई का दौर चल रहा है। इसी तर्ज पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भी दाखिलों से लेकर पढ़ाई और परीक्षाएं तक ऑनलाइन करवाई, लेकिन कुवि में ही संबंधित कालेजों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की रजिस्ट्रेशन रिटर्न ऑफलाइन ली जा रही है। प्रदेश के सबसे पहले विश्वविद्यालय में आज तक रजिस्ट्रेशन रिटर्न जमा करवाने की प्रक्रिया के ऑनलाइन जमा न होने पर संबंधित कालेजों के स्टाफ को एक सत्र में तीन बार कुवि पहुंचकर कई-कई विभागों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ऐसे में संबंधित कालेजों की ओर से इस प्रक्रिया को ऑनलाइन किए जाने की मांग की जा रही है।
गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संबंधित 200 के करीब कालेजों में ढाई लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। कालेजों में दाखिला लेने वाले इन्हीं संबंधित विद्यार्थियों की हर साल की कई तरह की फीस विवि के अलग-अलग विभागों को भेजनी होती है। इनमें रजिस्ट्रेशन फीस, डवेलपमेंट फीस, एनएसएस, रेडक्रास, यूथ एंड कल्चर, स्पोर्ट्स, होलिडे होम और एल्यूमिनी फीस शामिल हैं। इन सभी तरह की फीस के ऑफलाइन होने के कारण पहले कालेज की ओर से 20 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन रिटर्न जमा करवानी पड़ती है। इसके बाद 31 दिसंबर तक सभी विभागों में फीस जमा करवानी होती है। इतना ही नहीं विद्यार्थियों के रोल नंबर लेने से पहले इन सभी विभागों से नो ड्यूज भी लेना पड़ता है। इसके चलते कर्मचारियों को कई-कई विभागों के बार-बार चक्कर काटने पड़ते हैं।
कई विवि में ली जा रही ऑनलाइन
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद में यही रजिस्ट्रेशन रिटर्न ऑनलाइन जमा हो रही है। इसके साथ ही सभी तरह की फीस भी ऑनलाइन सीधे विभागों के पास पहुंच रही हैं। ऐसे में संबंधित कालेजों के स्टाफ को नो ड्यूज के लिए भी किसी कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ते। कुवि रजिस्ट्रेशन ब्रांच को भी ऑनलाइन करने की मांग
कुवि में अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त और सेल्फ फाइनेंस कालेज में कार्यरत दविद्र सचदेवा ने बताया कि प्रदेश के कई विवि के पास ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसमें एक ही बार में परीक्षा फीस, रजिस्ट्रेशन फीस, इस्टाब्लिशमेंट फीस सहित रेड क्रास और अन्य सभी तरह की फीस सीधे जमा हो जाती हैं। ऐसे में कालेज कर्मचारियों को कुवि के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।