कोरोना वायरस : अब मां भगवती के ऑनलाइन घर-घर हो रहे दर्शन
कोरोना वायरस की जंग जीतने के लिए देश व प्रदेश भर में 21 दिन का लॉकडाउन है। इससे भगवान व भक्तों के बीच दूरी बढ़ गई है। आलम यह है कि अब भगवान भी श्रद्धालुओं को ऑनलाइन ही दर्शन दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कोरोना वायरस की जंग जीतने के लिए देश व प्रदेश भर में 21 दिन का लॉकडाउन है। इससे भगवान व भक्तों के बीच दूरी बढ़ गई है। आलम यह है कि अब भगवान भी श्रद्धालुओं को ऑनलाइन ही दर्शन दे रहे हैं। नवरात्र उत्सव में श्रद्धालु मंदिर की हाजिरी लगाने की बजाय लाइव आरती में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
कोरोना वायरस के चलते पिछले 15 दिनों से जिले के सभी मंदिरों के कपाट बंद हैं। खासकर नवरात्र उत्सव में हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में बेहद कम श्रद्धालु ही आते हैं। यहां नवरात्रों के दौरान कई-कई घंटों के बाद दर्शन होते थे। मां भद्रकाली की सायंकालीन व प्रात:कालीन आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा ले कर मां का आशीर्वाद प्राप्त करते थे।
कोरोना से स्थिति यह है कि अब न तो मंदिरों में शंखनाद के साथ कपाट खुल रहे हैं और न ही सायंकालीन व प्रात:कालीन आरती में घंटियों व नगाड़ों की गूंज सुनाई दे रही है। केवल मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा व मंदिर के अध्यक्ष नरेंद्र वालिया आरती की रस्म अदायगी कर रहे हैं।
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र स्थित हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर सहित लाडवा व हथीरा स्थित माता बाला सुंदरी के स्वरूपों में कहीं भी श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं है। यहां मंदिरों की सजावट की गई है, लेकिन श्रद्धालुओं को दर्शनों पर पूर्ण रूप से पाबंदी है। सभी जगह 25 मार्च से आरंभ हो हुए नवरात्र उत्सव को भी रद कर दिया गया था। हालांकि मंदिरों में पूजा-पाठ पहले की तरह ही जारी है, मगर इस बार कहीं भी नवरात्र उत्सव नहीं मनाया जा रहा है।
श्री देवीकूप भद्रकाली मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने कहा कि फेसबुक व यू-ट्यूब के जरिए लाइव आरती का प्रसारण किया जा रहा है। सुबह-सायं करीब 20 से 25 हजार से ज्यादा श्रद्धालु लाइव आरती का हिस्सा बन रहे हैं। रोजाना भजन संध्या व श्रीदुर्गाष्टमी पर विशाल भगवती जागरण का भी आयोजन इस बार नहीं किया जा रहा है। मंदिर परिसर को किया जा रहा है सेनिटाइज
श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर को एहतियात के तौर पर दिन में तीन बार सैनिटाइज किया गया है। सेवादार मास्क का प्रयोग कर रहा है। यही नहीं मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं की विशेष थर्मल मशीन से स्क्रीनिग की जा रही है। श्रद्धालु सैनिटाइजर से हाथ धोने के बाद ही मंदिर में प्रवेश करते हैं।