अब एमएसपी पर पूरी फसल बेचने का संकट, भाकियू का एतराज
विनोद चौधरी कुरुक्षेत्र प्रदेश सरकार की ओर से सरसों और तोरिया को एमएसपी पर खरीदने का फैसला लिए जाने के बाद किसानों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार की ओर से सरसों और तोरिया को एमएसपी पर खरीदने का फैसला लिए जाने के बाद किसानों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। अदालत के डर से अधिकारियों ने दोनों फसलों को एमएसपी पर खरीदने के आदेश तो जारी कर दिए हैं लेकिन इसके लिए कुल पैदावार का 25 प्रतिशत हिस्सा ही खरीदने की शर्त भी लगा दी है। इस फैसले के अनुसार अब किसानों को तोरिया और सरसों की 75 प्रतिशत फसल व्यापारियों को ही बेचनी होगी। भारतीय किसान यूनियन ने अधिकारियों के इस फैसले पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने इसके लिए बैठक बुलाकर ठोस कदम उठाने की बात कही है।
गौरतलब है कि भाकियू की ओर से किसानों की फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करवाने के लिए लंबे समय से लड़ाई लड़ी जा रही है। इसी लड़ाई के अदालत में पहुंचने पर सरकार के अधिकारियों ने पिछले साल अदालत को अवगत करवाया था कि किसानों की सभी फसलें एमएसपी पर खरीदी जाएंगी। इसी के चलते इस साल तोरिया और सरसों की खरीद के लिए प्रदेश भर में 64 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन इसके साथ ही अधिकारियों ने एक आदेश और जारी करते हुए कुल पैदावार का 25 प्रतिशत ही एमएसपी पर खरीदने का फैसला लिया है। इसको लेकर पत्र जारी होने पर भाकियू ने एतराज जताया है।
---
इससे किसान को होगा नुकसान भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि अधिकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने के मामले में दोगली नीति अपना रहे हैं। सरकार ने सरसों और तोरिया की खरीद के लिए प्रदेश भर में 64 खरीद केंद्र बनाए हैं, लेकिन इन पर एक शर्त भी लगा दी है। इस शर्त के अनुसार किसान की 25 प्रतिशत फसल ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। ऐसे में किसानों को अपनी 75 प्रतिशत फसल कम भाव पर बेचनी पड़ेगी। यह गंभीर मामला है इसको लेकर वह बैठक बुलाकर उसमें विचार-विमर्श करेंगे।