बेतरतीब वार्ड बंदी अब शिक्षकों के जी का बना जंजाल
बेतरतीब वार्ड बंदी अब मतदाता सूचियां तैयार करने वाले शिक्षकों के लिए जी का जंजाल साबित हो रही है। शिक्षक सीधे तौर पर गलत वार्ड बंदी के कारण कार्य बाधित होने का आरोप लगा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद
बेतरतीब वार्ड बंदी अब मतदाता सूचियां तैयार करने वाले शिक्षकों के लिए जी का जंजाल साबित हो रही है। शिक्षक सीधे तौर पर गलत वार्ड बंदी के कारण कार्य बाधित होने का आरोप लगा रहे हैं। इस कारण से मतदाता सूचियां समय पर तैयार करने का लक्ष्य पा लेना आसान नजर नहीं आ रहा है।
कस्बे की नवगठित नगरपालिका की वार्ड बंदी को लेकर दो माह से उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहरी निकाय विभाग भले ही आनन फानन में वार्ड बंदी को मंजूरी दे चुका है मगर इसमें बरती गलतियां बार-बार परेशानी का सबब साबित हो रही हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूचियां तैयार करने फरमान जारी किया हुआ है। जब शिक्षक वार्ड बंदी के हिसाब से जमीनी स्तर पर उतरे तो सिर पकड़ कर बैठ गए। शिक्षकों ने बताया कि एक नंबर वार्ड की सूची तैयार कर आगे बढ़े तो 13 वार्ड आरंभ हो गया। दस नंबर वार्ड के साथ लगती आबादी को छोड़कर काफी आगे निकलकर फिरनी के भीतर का एरिया साथ जोड़ दिया। 13 वार्ड के मतदाताओं को एक और दो वार्ड के बीच पहुंचा दिया। ऐसी ही हालत नौ, सात और पांच की गई है। शिक्षकों ने बताया कि अधिकांश एरिया में ऐसी हालत रहेगी कि गली एक होगी और पार्षद दो होंगे। कई वार्डों की तो जाति की वोटों को ही बांटने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी गई। नौ नंबर वार्ड को आधी आबादी तक आगे बढ़ा दिया गया जो कि नियमों के अनुरूप ही नहीं है। ऐसे में किसी भी वार्ड के वोट पूरे नहीं हो पा रहे हैं। ऐसी अवस्था में चुनाव कैसे सिरे चढ़ेगा। गलत वार्ड बंदी में केवल एरिया देखा
शिक्षकों ने बताया कि वार्ड बंदी के हिसाब से वार्ड दो में केवल दो सौ मतदाता हैं। कुछ वार्डों में मतदाता संख्या पांच सौ से भी नीचे है। जबकि कस्बे की कुल मतदाता संख्या करीब नौ हजार है। ऐसे में प्रत्येक वार्ड में मतदाता संख्या करीब सात सौ रहनी चाहिए। शिक्षकों का कहना है कि वार्ड बंदी करते समय भूगौलिक अवस्था पर ध्यान दिया गया जब मतदाता गणना की अनदेखी की गई। गलत वार्ड बंदी अनिल विज के दरबार में
समाजसेवी नरेंद्र कौशल ने बताया कि गलत वार्ड बंदी का मामला गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के दरबार में साक्ष्य सहित पहुंचा दिया गया। इसके साथ ही एक प्रति जिला उपायुक्त को दी गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार से वार्ड बंदी दुरुस्त करने की मांग की गई है।