नवरात्र महोत्सव को कोई साधारण त्यौहार अथवा पूजन नहीं : ब्रह्माचारी ब्रह्मास्वरूप
नवरात्र महोत्सव के चौथे दिन आचार्य राजेश प्रसाद लेखवार के मार्गदर्शन में विद्वान ब्राह्माणों एवं ब्रह्माचारियों ने मां भगवती चौथे स्वरूप कुष्मांडा माता का आह्वान करते हुए विधिवत पूजन किया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: नवरात्र महोत्सव के चौथे दिन आचार्य राजेश प्रसाद लेखवार के मार्गदर्शन में विद्वान ब्राह्माणों एवं ब्रह्माचारियों ने मां भगवती चौथे स्वरूप कुष्मांडा माता का आह्वान करते हुए विधिवत पूजन किया। इस मौके पर जयराम विद्यापीठ की यज्ञशाला में चल रहे सवा लाख नवार्ण मंत्र जाप के यजमान नरवाना के रामनिवास के परिवार के सदस्यों ने हवन में आहुतियां डाली व दीर्घायु, यश एवं सुख समृद्धि की कामना की। अध्यक्ष ब्रह्मास्वरुप ब्रह्माचारी ने बताया कि नवरात्र महोत्सव को साधारण त्यौहार अथवा पूजन नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए बहुत बड़े संदेश का अवसर है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण तथा देश को ऊंचा उठाने में भारतीय नारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके हमारे इतिहास में कई उदाहरण मौजूद हैं। ब्रह्मचारी ने बताया प्राचीनकाल की सीता, अनुसूया, अपाला, घोषा, सरस्वती, सर्पराज्ञी, सूर्या, सावित्री, अदिति, दाक्षायणि, लोपामुद्रा, विश्ववारा, आत्रेयी इत्यादि ऋषिकाओं ने वह कर दिखाया, जिसका गुणगान करते हुए ऋषि, संत महापुरुष भी थकते नहीं थे। उन्होंने कहा कि नवरात्र से नारी का सम्मान करने के लिए स्वयं से शुरुआत करने एवं अपने परिजन, साथियों को प्रेरित करने के उत्सव मनाने चाहिए इस अवसर पर टीके शर्मा, श्रवण गुप्ता, कुलवंत सैनी, राजेंद्र सिघल, सुरेंद्र गुप्ता, ईश्वर गुप्ता, खरैती लाल सिगला, राजेश सिगला, मुनीष मित्तल, अशोक गर्ग, कपिल मित्तल, सतबीर कौशिक व रोहित कौशिक मौजूद थे।