नवोदय क्रांति ने बनाई अकोजी एप्लीकेशन, सरकारी स्कूल होंगे डिजिटल
अब सरकारी स्कूलों को अलग-अलग डिजीटल माध्यमों से अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ेंगी। क्योंकि पूरे देश के सिर्फ सरकारी स्कूलों को नवोदय क्रांति एक डिजिटल प्लेटफार्म प्रोवाइड करवाएगा। जिसके माध्यम से सरकारी स्कूलों के अध्यापक व विद्यार्थी एक-दूसरे के साथ रूबरू हो सकेंगे।
अनुज शर्मा, कुरुक्षेत्र : अब सरकारी स्कूलों को अलग-अलग डिजीटल माध्यमों से अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ेंगी। पूरे देश के सिर्फ सरकारी स्कूलों को नवोदय क्रांति एक डिजीटल प्लेटफार्म प्रोवाइड कराएगा। इसके माध्यम सरकारी स्कूलों के अध्यापक व विद्यार्थी एक-दूसरे के साथ रूबरू हो सकेंगे।
नवोदय क्रांति परिवार के संस्थापक संदीप ढिल्लो ने बताया कि कुरुक्षेत्र में नवोदय क्रांति और टीम अकोजी ने मिलकर सरकारी स्कूलों के लिए डिजीटल युग की शुरुआत की है। अकोजी एप्लीकेशन प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध होगी। इस सॉफ्टवेयर में बेहतरीन विकल्प दिए गए है। इसमें अध्ययन अध्यापन की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए बच्चों को कक्षा व विषय के अनुसार होमवर्क, असाइनमेंट, क्विज व टेस्ट उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि बच्चे अधिकतम अभ्यास कर सकें। उन्होंने बताया कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत 20 राज्यों में औपचारिक शुरुआत की गई। इस मौके पर ऑनलाइन सुनील, वीरेंद्र, बोधराज, हरिओम, दिनेश वर्मा, उपिद्र शुक्ला, सुनीता सैनी, अशोक आर्य,सुरेंद्र, कर्मजीत सिंह जुड़े रहे।
फीडबैक लेने का भी एप में विकल्प
संस्थापक संदीप ढिल्लो ने बताया कि अकोजी एप्लीकेशन में विशेष रूप से फीडबैक देने व लेने का ऑप्शन भी दिया गया है। जिसके माध्यम से अध्यापक अपने बच्चों से दिए जा रहे पाठ्यक्रम व टेस्ट का फीडबैक ले सकेंगे और इससे बच्चे अपने सवाल भी अध्यापक से पूछ सकेंगे। इससे अध्यापक व विद्यार्थी में निरंतर संपर्क बना रहेगा। इसके अलावा इसमें डिजिटल लाइब्रेरी का ऑप्शन दिया गया है। वहीं देश के लगभग सभी राज्यों के पूरे पाठ्यक्रम के टीचिग वीडियो, ऑडियो, टेस्ट व क्विज इसमें उपलब्ध होंगे।
एप्लीकेशन को चलाने की दी जाएगी ट्रेनिग
इस एप्लीकेशन को चलाने के लिए विशेष रूप से प्रत्येक अधापकों को ट्रेनिग दी जाएगी। ट्रेनिग में सबसे पहले राज्य स्तर पर स्टेट वाइस कोर्डिनेटरों की ट्रेनिग कराई जाएगी। इसके बाद जिलास्तर पर लगभग दो लाख अध्यापकों को ट्रेनिग दी जाएगी। उसके पश्चात वे अपने स्तर पर विद्यार्थियों को ट्रेनिग देंगे।