कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कश्मीर कारण एवं निदान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
वरिष्ठ सांवादिक एवं कश्मीर विषय के प्रवक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आज विश्व और देश में जो हालात बने हुए हैं ऐसे में इस विश्व में एक ओर महाभारत होना तय है। इसे कोशिश करने पर इसे थोड़ा आगे पीछे किया जा सकता है लेकिन टाला नहीं जा सकता।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : वरिष्ठ सांवादिक एवं कश्मीर विषय के प्रवक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आज विश्व और देश में जो हालात बने हुए हैं, ऐसे में इस विश्व में एक ओर महाभारत होना तय है। इसे कोशिश करने पर इसे थोड़ा आगे पीछे किया जा सकता है लेकिन टाला नहीं जा सकता। वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आरके सदन में आयोजित पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा नीति एवं दर्शन शास्त्र केंद्र की ओर से कश्मीर कारण एवं निदान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हिदूत्व का नाम लिए बगैर कहा कि एक हजार साल से उन्हें दबाया जा रहा है अब यह ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है। यह समाज किसी से डरने वाला नहीं है, लेकिन अपने डीएनए में आदर्शवादी गुणों के चलते हर बात पर लड़ने वाला भी नहीं है। विदेशी आक्रांताओं, आतंकियों और जिहादी मानसिकता के लोगों ने इनकी इसी बात का फायदा उठाया है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना एक शुरुआत भर है कि अब भारतीय दबने वाले नहीं हैं।
रॉ के पूर्व निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ कर्नल आरएसएन सिंह ने कहा कि देश के सामने कई चुनौतियां सामने खड़ी हैं। इनसे सरकार और सेना तो अपने तरीके से निपटेगी ही आम जन को भी जागरूक होकर आवाज उठानी होगी। सदियों से भारत था, भारत है और भारत रहेगा। कोई जिहादी इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उन्होंने धर्म और रिलीजन में भेद बताते हुए कहा कि धर्म सदियों से चला आ रहा है। हम किसी का बुरा नहीं करते, किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते और प्रकृति से उल्ट नहीं चलते यह हमारा धर्म है। जबकि रिलीजन में जिहाद की शिक्षा दी जा रही है दूसरों को मारकर जन्नत नसीब होने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से सभी को फायदा मिलेगा। अब कश्मीर में कश्मीरीयत को बसाकर धर्म को स्थापित करना है। सत्य हमारे साथ है इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाना जरूरी है। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुवि कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज के परिपेक्ष्य में अनुच्छेद 370 पर बात करना जरूरी है। यह हमारे देश का मामला है। इस मौके पर नीति एवं दर्शन शास्त्र केंद्र के निदेशक डॉ. सुरेंद्र मोहन मिश्र, स्वामी संस्कृतानंद, डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र मौजूद रहे।