कुंटिया हड़ताल पर विधायक का आश्वासन, मंगलवार को करेंगे समझौते का प्रयास
17 दिनों से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ (कुंटिया) की हड़ताल से कुवि में हालात बिगड़ रहे हैं। कुंटिया और कुवि प्रशासन के अड़े होने के चलते आए दिन तनाव बढ़ता जा रहा है। इसी तनाव की गंभीरता को देखते हुए थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने शुक्रवार को धरना स्थल का दौरा किया और मंगलवार को समझौता के पुरजोर प्रयास करने की बात कही।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : 17 दिनों से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ (कुंटिया) की हड़ताल से कुवि में हालात बिगड़ रहे हैं। कुंटिया और कुवि प्रशासन के अड़े होने के चलते आए दिन तनाव बढ़ता जा रहा है। इसी तनाव की गंभीरता को देखते हुए थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने शुक्रवार को धरना स्थल का दौरा किया और मंगलवार को समझौता के पुरजोर प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कुंटिया की हड़ताल का मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नोटिस में भी है। इसका समाधान कराया जाएगा। विधायक के आश्वासन के बाद मामले के कुछ शांत होने के आसार बने हैं।
दूसरी ओर शुक्रवार को कुंटिया का अलग-अलग दो धरना स्थलों से प्रदर्शन जारी रहा। अदालत के फैसले अनुसार विवि के 50 मीटर की दूरी पर स्थित धरना स्थल पर डटे कुंटिया प्रधान रामकुमार गुर्जर ने कहा कि प्रशासन गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहा है। कर्मचारियों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह की अनदेखी सहन नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कुवि को हठधर्मिता छोड़कर कर्मचारियों की मांगें पूरी कर देनी चाहिए। उन्होंने आंदोलन को तेज करने की बात करते हुए कहा कि सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा सहित कई बड़े कर्मचारी संगठन उनके समर्थन के लिए पहुंच रहे हैं। अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के प्रदेश चेयरमैन चरणदास अथवाल और उनके साथ आए सभी विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी एवं अन्य कर्मचारियों ने हड़ताल को पुरजोर समर्थन किया है। इस अवसर पर राजकुमार ढींगरा, गुरमेल संधू, प्रियंका, सुरेंद्र मलिक, रामेश्वर सैनी, यशपाल सैनी, नरेंद्र सारसा, जगदीश खनोदा मौजूद रहे।
प्रशासनिक भवन के सामने हड़ताल पर डटे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए संयोजक कृष्ण पांडे ने कहा कि विवि प्रशासन अपने ओछे हथकंडों द्वारा कर्मचारियों को डरा-धमका कर कुंटिया की हड़ताल को दबाना चाहता है, जिसमें प्रशासन कभी भी कामयाब नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन अपनी दमनकारी नीतियों द्वारा कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन करना चाहता है। इससे पहले कर्मचारियों ने केयू प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।