मिलिए 150 महिला हॉकी खिलाड़ियों के द्रोण से, मानेसर को इन्होंने दिया बदल
रियाणा में शाहाबाद के बाद थानेसर भी हॉकी के लिए बना रहा अपनी पहचान। हॉकी कोच शिव कुमार सैनी ने अब तक 15 नेशनल महिला खिलाडिय़ों को तैयार किया। आठ से 25 वर्ष आयु की खिलाड़ी इनके कैंप में।
कुरुक्षेत्र, विनीश गौड़। देशभर में शाहाबाद ने हॉकी के मक्का के रूप में नाम कमाया है, जहां से कई सामान्य परिवार की लड़कियां राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकीं। शाहाबाद के बाद अब थानेसर महिला हॉकी खिलाडिय़ों के लिए नर्सरी बन गया है। हॉकी कोच शिव कुमार सैनी से प्रशिक्षित खिलाडिय़ों ने साधारण ग्राउंड में खेलने के बाद भी एस्ट्रोटर्फ पर कई राज्य व राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतीं। इनमें एक सविता ने इंडियन कैंप में जगह बना ली है। थानेसर के मैदान पर सुबह और शाम को जो माहौल बदला है, उसकी बड़ी वजह बने हैं शिव कुमार सैनी।
कोच शिव कुमार सैनी ने वर्ष 2009 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के ग्राउंड पर एक लड़की को प्रशिक्षण देने से शुरुआत की थी। धीरे-धीरे छात्राओं का रुझान बढ़ा और आज उनके पास आठ वर्ष की आयु से लेकर 25 साल की 150 खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। वह बताते हैं कि कई छात्राओं के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। मगर आज हॉकी स्टिक के जादू से वे अपने परिवार का नाम प्रदेश व देश भर में रोशन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कुवि में एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड नहीं है, फिर भी खिलाड़ी कमाल कर रही हैं।
खिलाडि़यों की एक लंबी सूची
शिव कुमार के पास कई खिलाड़ी हैं जो सात या आठ वर्ष की उम्र से हॉकी के गुर सीखने आने लगी थीं और आज पूरी तरह से पारंगत हो चुकी हैं। साथ ही जो छोटी बच्चियां उनके पास आ रही हैं, वे भी कमाल कर रही हैं। देविका, शिवानी, शैल्जा, पूनम और मोनिका की तरह उनकी कई खिलाड़ी अपने सुनहरे भविष्य की तरफ कदम बढ़ा चुकी हैं।
हरियाणा सीनियर हॉकी स्टेट प्रतियोगिता के सेमिफाइनल में पहुंची कुरुक्षेत्र की टीम
हिसार के एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड में इन दिनों हरियाणा सीनियर हॉकी स्टेट प्रतियोगिता में उनकी खिलाड़ीं अपना दमखम दिखा रही हैं। शनिवार को सुबह दो मुकाबले हुए, जिनमें कुरुक्षेत्र की टीम ने जींद को 5-0 और कैथल की टीम को 7-0 गोल से कड़ी शिकस्त दी। कोच शिव कुमार सैनी ने हिसार से फोन पर बातचीत में बताया कि अभी उनकी टीम सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है। उनका लक्ष्य स्टेट प्रतियोगिता को जीतकर लाना है।