भागवत कथा की शिक्षाओं पर अमल करें : शुकदेवाचार्य
सन्निहित सरोवर स्थित प्राचीन श्री दुखभंजन महादेव मंदिर में कार्तिक मास के उपलक्ष्य में कराई जा रही श्रीमद्भागवत कथा हवन व भंडारे के साथ संपन्न हुई।
- हवन व भंडारे के साथ श्रीमद्भागवत कथा संपन्न जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सन्निहित सरोवर स्थित प्राचीन श्री दुखभंजन महादेव मंदिर में कार्तिक मास के उपलक्ष्य में कराई जा रही श्रीमद्भागवत कथा हवन व भंडारे के साथ संपन्न हुई। कथाव्यास शुकदेवाचार्य ने श्री कृष्ण की कुरुक्षेत्र यात्रा, श्रीकृष्ण-उद्धव संवाद, भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरू और भागवत जी की शिक्षाएं विस्तार से बताई। मुख्य यजमान लक्ष्मीनारायण शर्मा, राज गौड़, जय नारायण शर्मा, कंवरसेन वर्मा, डा.भगवत दयाल शर्मा, सुरेंद्र कंसल, अशोक आश्री और गोपाल शर्मा ने भागवत ग्रंथ पर पत्र-पुष्प-दक्षिणादि भेंट करके कथा को विश्राम दिया। कथाव्यास शुकदेवाचार्य ने कहा कि जहां कही भी श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन होता है, वह स्थान एक तीर्थ का रूप ले लेता है। देवभूमि भारत की पवित्र माटी में जन्म लेकर भी जो इस पुण्यदायिनी कथा को श्रवण नही करते उनका जीवन व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि कथा सुनना तभी सार्थक होगा जब उसकी शिक्षाओं पर भी अमल किया जाए। कथा समाप्ति पर सभी भक्तों ने व्यासपीठ की परिक्रमा करके आशीर्वाद लिया। यजमानों ने हवन में आहुतियां दी और भक्तों ने भंडारे में भोजन-प्रसाद ग्रहण किया।
भजन सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध
इस मौके पर गायक मुरारी भार्गव ने सुनाए भजनों पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हुए। इस मौके पर भागवत आरती में आचार्य विनोद मिश्र, दीपक शर्मा, ज्ञानचंद शर्मा, जगन्नाथ शर्मा, वीरभान शर्मा, सुरेश शर्मा, ज्ञानचंद सैनी चनारथल, प्रेम मदान, जय कुमार शर्मा, सागर वर्मा, सीएलबजाज, शांत कौशिक,कांत कौशिक, सुभाष ममगाई, सुशील भार्गव, अजय ठाकुर, विजय ठाकुर, अनुराधा पाठक, कांता कंसल, सुशीला ममगाई, सुनीता वालिया, सुषमा शर्मा व कुसुम गुप्ता मौजूद रही।