कम उम्र में शादी होना घरेलू हिसा को दे रहा बढ़ावा
जिले में धीरे-धीरे घरेलू हिसा के केस बढ़ते जा रहे है। जिसका एक मुख्य कारण लड़कियों की कम उम्र में ही शादी होना है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले में धीरे-धीरे घरेलू हिसा के केस बढ़ते जा रहे है। जिसका एक मुख्य कारण लड़कियों की कम उम्र में ही शादी होना है। जो घरेलू हिसा को बढ़ावा दे रही है। वहीं शादी से पहले अधिकतर लड़कियां का मानसिक रूप से तैयार न हना भी कारण है। जिससे घरों में आपसी गृह क्लेश व हिसा बढ़ रही है।
ऐसा ही एक मामला वन स्टॉप सेंटर में पहुंचा। पीड़ित महिला ने शिकायत में बताया कि उसका पति आए दिन उसके साथ मारपीट करता है और बात-बात पर गाली देता है। उनकी डेढ़ और पांच साल की दो बेटियां भी हैं। जिसका उन पर काफी असर पड़ रहा है। उसके बाद वन स्टॉप सेंटर की साइको काउंसलर गुरप्रीत कौर ने पीड़ित महिला की काउंसिलिग की। पीड़िता ने बताया कि जब वह 12वीं कक्षा में थी तो स्पोर्ट में भाग लेती थी। वह अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती थी। लेकिन घरवालों ने 12वीं होने के एक साल बाद ही शादी करवा दी और यहां पर पति भी उसका साथ नहीं देता। जहां भी जाओ हर जगह रोकटोक करता है। जिससे वह मानसिक रूप से काफी परेशान है। वहीं पति ने काउंसिलिग के दौरान बताया कि जब उसकी शादी हुई तो पत्नी की उम्र 20 वर्ष थी। शादी को छह साल बीत चुके हैं। लेकिन उसका दिमाग बचपन जैसा ही है। जैसे किसी भी बात पर वह अड़कर खड़ी हो जाती है। वहीं उसकी पत्नी को परिवार में कैसे रहना है, यह तक नहीं पता। शादी से पहले मानसिक मजबूती जरूरी
सेंटर संचालिका शैलजा सैनी ने बताया कि शादी से पहले लड़की की मानसिक मजबूती जरूरी है। क्योंकि लड़की को नए घर जाना पड़ता है। जिससे वहां पर के रहन-सहन, तौर तरीके समझने पड़ते है। जितनी अपने घर पर छूट थी उतनी ही छूट वहां नहीं मिल पाती। अगर लड़की मानसिक रूप से मजबूत होती तो घरेलू हिसा नहीं होगी। वहीं दूसरी ओर लड़के के परिवार के सदस्यों को भी समझना चाहिए कि घर पर नया सदस्य आया है तो उसे अपने तौर-तरीके या रीति रिवाज समझने में कुछ समय लगता है। ऐसे समय पर उनका साथ देकर प्रोत्साहन देना चाहिए।
काउंसिलिग कर सुलझाया केस
दो पहले एक महिला ने घरेलू हिसा की शिकायत दी थी। जिसके बाद समय लेकर दोनों परिवारों की अलग-अलग काउंसिलिग की गई और मामला सुलझाया गया।
-शैलजा सैनी, वन स्टॉप सेंटर, कुरुक्षेत्र।