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इंजीनियरिग संस्थानों में बड़े उद्योग जरूरी

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआइईटी संस्थान में टीक्यूप-3 के सौजन्य से सुन्दर संरचना और सिस्टम विषय पर मैकेनिकल विभाग में साप्ताहिक फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यशाला का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 08:30 AM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 06:34 AM (IST)
इंजीनियरिग संस्थानों में बड़े उद्योग जरूरी
इंजीनियरिग संस्थानों में बड़े उद्योग जरूरी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआइईटी संस्थान में टीक्यूप-3 के सौजन्य से सुन्दर संरचना और सिस्टम विषय पर मैकेनिकल विभाग में साप्ताहिक फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए पंजाब इंजीनियरिग कॉलेज में एयरोस्पेस विषय के प्रो.तजेंद्र कुमार जिदल ने कहा कि टेक्निकल युग में बढ़ती जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पादन की डिमांड किसी भी उत्पाद की सुंदर संरचना के ऊपर काफी निर्भर करती है। जिस प्रकार से मेडिकल के शिक्षण संस्थानों में बड़ा अस्पताल होता है, एक ही जगह पर हर प्रकार का स्वास्थ्य संबधी शोध होता है। उसी प्रकार इंजीनियरिग शिक्षण संस्थानों में भी बड़े उद्योग होने चाहिए। कार्यशाला की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रो. सीसी त्रिपाठी ने की।

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विशिष्ट अतिथि एनआइटी से प्रो. ज्ञान भूषण ने कहा कि मेकेनिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल, इलेक्ट्रिकल को सुंदर संरचना प्रदान करने के लिए सिस्टम से कार्य करना पड़ता है। मसलन हर व्यक्ति स्मार्ट फोन में अति स्मार्ट फीचर देखना चाहता है वो उसकी संरचना पर निर्भर करता है। कार्यशाला के संयोजक डॉ. सुनील ढ़ींगड़ा व डॉ. पुनीत बंसल ने कार्यशाला में साप्ताहिक कार्यक्रमों की रूपरेखा को प्रस्तुत की। इस मौके पर डॉ. अनुराधा, मंजीत बोहत, डॉ. संजीव आहुजा, रणधीर भौरिया, विशाल, डॉ. मुनीष गुप्ता, मयंक मौजूद रहे।


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