महात्मा गांधी की विचारधारा जाति, क्षेत्रवाद, धर्म से अधिक विस्तृत : प्रो. अमरजीत सिंह
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र आखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति की हरियाणा इकाई की ओर से विद्याभारती कुरुक्षेत्र में महात्मा गांधी के चितन की प्रासंगिकता विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
आखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति की हरियाणा इकाई की ओर से विद्याभारती कुरुक्षेत्र में महात्मा गांधी के चितन की प्रासंगिकता विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर अमरजीत सिंह ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि महात्मा गांधी की सामाजिक समरता की विचारधारा समस्त गांधी चितन की एक प्रमुख आधार थी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की सामाजिक समरसता का दर्शन एवं उसकी प्राप्ति के लिए गांधी के द्वारा किए गए प्रयत्नों ने समाज में समरसता का माहौल पैदा किया।
प्रोफेसर सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने अपने जीवन दर्शन एवं सशक्त राजनीतिक नेतृत्व की ओर से न केवल शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती करते हुए धराशायी किया बल्कि साथ ही साथ समस्त भारतीयों में सामाजिक समरसता की भावना का प्रसार करते हुए एक सामाजिक-सांस्कृतिक एकता को स्थापित किया एवं राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को एक ऐतिहासिक परिणाम पर पहुंचाया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी हरियाणा प्रांत के पूर्व अध्यक्ष आत्म प्रकाश मनचंदा, अखिल भारतीय संकलन समिति डॉ. बीबी कौशिक, पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरीशचंद्र जनडई, प्रांतीय सचिव डॉ. प्रशांत गौरव, संगठन सचिव कुलदीप चंद, सत्यनारायण गुप्ता, सुरेश हंस, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. गुरप्रीत सिंह, मोना गलारी उपस्थित थे।