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गुरु पूर्णिमा के साथ रविवार को चंद्र ग्रहण

आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह उत्सव सदगुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को दर्शाता है। गुरु पूर्णिमा इस बार पांच जुलाई रविवार को है। इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:15 AM (IST)
गुरु पूर्णिमा के साथ रविवार को चंद्र ग्रहण
गुरु पूर्णिमा के साथ रविवार को चंद्र ग्रहण

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह उत्सव सदगुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को दर्शाता है। गुरु पूर्णिमा इस बार पांच जुलाई रविवार को है। इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है।

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कॉस्मिक एस्ट्रो के निदेशक एवं श्री दुर्गा देवी मंदिर पिपली के अध्यक्ष डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि सनातन परंपरा में सदगुरु को ईश्वर से भी ऊंचा स्थान दिया गया है। संतों ने सदगुरु को परमात्मा से भी बड़ा बताया है। परमात्मा का ज्ञान सदगुरु ही अनुभव करवा सकता है। अज्ञानी मनुष्य झूठे अहंकार में ही रहता है। जब परमात्मा की कृपा होती है तो जीवन में सदगुरु मिलता है और जब उनकी कृपा होती है तो आत्मज्ञान और परमात्म ज्ञान अनुभव होता है।

गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण का समय

गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण सुबह 8 बजकर 38 मिनट से आरंभ होगा। 9 बजकर 59 मिनट में यह परमग्रास में होगा और 11 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा। इस प्रकार चंद्रग्रहण की अवधि 2 घंटे 43 मिनट और 24 सेकेंड की होगी। इस उपछाया चंद्रग्रहण को अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों में देखा जा सकेगा।

कितना प्रभावशाली है उप छाया चंद्र ग्रहण

गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में बहुत ज्यादा प्रभावशाली नहीं होगा। क्योंकि यह एक उप छाया है और यहां दिखाई भी नहीं देगा। उपछाया चंद्र ग्रहण में मात्र चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ेगी। इसलिए यह ग्रहण नहीं होगा। ऐसे में ग्रहण का प्रभाव और सूतक काल मान्य नहीं होगा।

इन राशियों में रहेगा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगेगा। धनु राशि में गुरु बृहस्पति और राहु हैं। अत: ग्रहण के समय बृहस्पति पर राहु की ²ष्टि धनु राशि को प्रभावित करेगी। धनु राशि के जातकों का मन अशांत रह सकता है। उनके मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं। माता जी के स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मन को एकाग्र रखने के लिए ध्यान लगाएं और माता जी का ध्यान रखें।


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