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असावधानी के साथ सड़कों की कमियां लील रही जिदगियां

सावधानी हटी दुर्घटना घटी। लेकिन क्या सिर्फ आपकी सावधानी का मतलब ही सड़क सुरक्षा है। इसके साथ-साथ वह कमियां भी हैं जो सड़कों पर दूसरों की वजह से हादसों का कारण बनती हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 09:31 AM (IST)
असावधानी के साथ सड़कों की कमियां लील रही जिदगियां
असावधानी के साथ सड़कों की कमियां लील रही जिदगियां

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सावधानी हटी दुर्घटना घटी। लेकिन क्या सिर्फ आपकी सावधानी का मतलब ही सड़क सुरक्षा है। इसके साथ-साथ वह कमियां भी हैं, जो सड़कों पर दूसरों की वजह से हादसों का कारण बनती हैं। सड़कों पर हर घंटे 17 जानें जा रही हैं। विश्व स्वास्थ्य के मुताबिक सड़क हादसे में मरने वालों में लगभग 55 प्रतिशत लोग 15-34 साल की उम्र के हैं। ऐसे में सड़क पर वाहन को लेकर आने वालों को सावधानी से वाहन चलाना होगा। सबसे खतरनाक है राष्ट्रीय राजमार्ग

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घने कोहरे में राष्ट्रीय राजमार्ग सहित राज्य राजमार्ग और लिक मार्गों से गायब सफेद पट्टी लोगों की जिदगी लील रही है। देश के सबसे व्यस्त दिल्ली-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह ऐसे स्थान हैं जहां से सफेद पट्टी गायब है। दैनिक जागरण ने दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों का जायजा लिया तो बेतरतीब व अवैध कट दिखाई दिए। यही अवैध कट कोहरे के समय काल बनते हैं। सड़क सुरक्षा की बैठकों में भी इन मुद्दों को उठाया जाता है, मगर जिनके कंधों पर इन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी है वे अपनी जिम्मेदारी से हाथ खींच लेते हैं। ऐसे में इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है। ढाबा संचालकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना रखे हैं अवैध कट

दिल्ली-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग की बात करें तो यहां कई स्थानों पर ढाबा संचालकों ने अवैध कट बनाए हुए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सड़क के निर्माण के समय सर्विस लेन भी बनाई हैं, जो मुख्य सड़क से लगभग चार फुट नीची हैं। ढाबा संचालकों ने ढलान देकर सर्विस लेन को राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ जोड़ दिया है। यहीं से भारी वाहन ढाबों पर पहुंचते और राष्ट्रीय राजमार्ग पर चढ़ते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर नहीं है सूचक

राष्ट्रीय राजमार्ग पर ईशरगढ़ व कनीपला पुल पर चढ़ने वाले रास्ते पर कहीं भी सूचक नहीं हैं। वहीं इन रास्तों में ब ने गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। ऐसा ही हाल अंबाला-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग का है। नवनिर्मित हाइवे पर यातायात सरपट दौड़ने लगा है, मगर यहां भी पूरे सूचक नहीं हैं। गड्ढे बनते हैं मौत का कारण

सुप्रीत कोर्ट की ओर से गठित कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2013 से 2017 के बीच 14 हजार 926 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई। इनकी मौत गड्ढों के कारण हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट को देखने के बाद कहा कि आतंकी हमले में मरने वालों से भी ज्यादा मौतें सड़क पर बने गड्ढे के कारण होने एक्सीडेंट से हुई। कमेटी ने जो आंकड़ा पेशा किया था उससे साफ हो गया था कि सड़कों पर रख रखाव जिम्मेदारी जिस पर है वह काम नहीं कर रही है। इसमें स्थानीय निकाय विभाग, प्रदेश सरकार व एनएचएआइ सड़कों का रखरखाव सही तरह से नहीं कर रहे हैं। फोटो संख्या : 09

यातायात पुलिस लगातार कर रही वाहन चालकों को जागरूक : नरेश कुमार

जिला यातायात समन्वयक एसआइ नरेश कुमार का कहना है कि यातायात पुलिस लगातार वाहन चालकों को जागरूक कर रही है। इसके साथ ही रोड सेफ्टी बैठकों में भी अधिकारियों के समक्ष दुर्घटना बहुल क्षेत्रों की जानकारी दी जा रही है। जिससे हादसों में कमी आई है। एडीसी ने कड़े निर्देश दिए हैं कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए पूरे प्रयास किए जाएं। प्रदेश में पिछले पांच साल में हुई सड़क हादसों में मौतें

वर्ष हादसे मौत घायल

2014 10,676 4,483 8,944

2015 11,174 4,879 10,794

2016 11,234 5,024 10,531

2017 11,258 5,120 10,339

2018 11,238 5,118 10,020

2019 7,281 3,365 6,214 जिले में एक जनवरी 2019 से 31 अक्टूबर तक हुए सड़क हादसे व मौतें

रोड दुर्घटनाएं मौत घायल

एनएच 88 53 115

स्टेट हाइ-वे 56 21 58

अन्य सड़कें 296 112 253

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कुल 440 186 426

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वर्ष मौतें

2016 238

2017 255

2018 211 जिले में बीते वर्षों में हुई मौतें

वर्ष मौतें

2016 238

2017 255

2018 211


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