कुवि की लेटलतीफी ने आयुर्वेदिक कॉलेजों की मुश्किल बढ़ाई
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की लेटलतीफी ने प्रदेश के नौ आयुर्वेदिक कॉलेज के विद्यार्थियों को परेशानी में डाल दिया है। पहले परीक्षा लेने और फिर परिणाम घोषित करने में देरी से विद्यार्थी पीछे हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की लेटलतीफी ने प्रदेश के नौ आयुर्वेदिक कॉलेज के विद्यार्थियों को परेशानी में डाल दिया है। पहले परीक्षा लेने और फिर परिणाम घोषित करने में देरी से विद्यार्थी पीछे हो गए हैं। सप्लीमेंटरी की जो परीक्षा दिसंबर माह में हो जानी चाहिए थी, विश्वविद्यालय उनका परिणाम अब तक घोषित नहीं कर पाया। श्रीकृष्णा विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ प्रधान डॉ. अशोक राणा ने इसे आयुर्वेद की अनदेखी बताया है। परीक्षा नियंत्रक अंतरिक्षदीप से कोशिश के बावजूद बात नहीं हो पाई।
विद्यार्थी संजीव, कल्पना ने बताया कि प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की सप्लीमेंटरी की परीक्षा दिसंबर के बजाय मई में हुई। अगस्त-सितंबर में होने वाले परीक्षा कब होगी। वर्जन
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय पर इतना महत्वपूर्ण जिम्मा है, लेकिन विश्वविद्यालय उसे ठीक से निभा नहीं रहा है। श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए उन्हें जिम्मेदारी सौंपी थी कि पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकारियों से बात करके विद्यार्थियों की समस्या का हल कराया जाए।इस पर जांच बैठाकर जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई हो।
डॉ. अशोक राणा, अध्यक्ष, श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय इन कॉलेजों का नहीं हुआ परिणाम घोषित
-श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, कुरुक्षेत्र
-सीडहल कॉलेज आफ आयुर्वेदा, जगाधरी
-गौड़ ब्राह्माण आयुर्वेदिक कॉलेज, रोहतक।
-आयु ज्योति आयुर्वेदिक कॉलेज, सिरसा
-एमएलआर आयुर्वेदिक कॉलेज, चरखी दादरी।
-नेशनल कॉलेज आफ आयुर्वेदा, हिसार।
-लाल बहादुर शास्त्री आयुर्वेदिक कॉलेज, बिलासपुर, यमुनानगर
-गंगापुत्र आयुर्वेदिक कॉलेज, जींद