दो दिन में 50 एमएम बारिश से धर्मनगरी में बाढ़ जैसे हालात
दो दिन से लगातार हो रही बारिश से कुरुक्षेत्र जलमग्न हो गया। रास्ते डूब जाने की वजह से कई डेरों का संपर्क शहरों से टूट गया। इसके अलावा शहर की मुख्य सड़कें और कॉलोनियां तालाब बन गई। जलभराव होने से सड़कों की बजरी उखड़ गई और छोटे-छोटे गड्ढों ने बड़ा रूप ले लिया जिससे सुबह के समय यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : दो दिन से लगातार हो रही बारिश से कुरुक्षेत्र जलमग्न हो गया। रास्ते डूब जाने की वजह से कई डेरों का संपर्क शहरों से टूट गया। इसके अलावा शहर की मुख्य सड़कें और कॉलोनियां तालाब बन गई। जलभराव होने से सड़कों की बजरी उखड़ गई और छोटे-छोटे गड्ढों ने बड़ा रूप ले लिया, जिससे सुबह के समय यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। लाडवा में पोल्ट्री फार्म ढहने से 5 हजार मुर्गियां दबकर मर गई। कुरुक्षेत्र-लाडवा रोड पर हाई वोल्टेज के दो खंभे डंपर पर गिर गए। बारिश के दौरान गांव बहादुरपुरा के मोड़ पर एक साइकिल सवार के ऊपर पेड़ गिर गया। राहगीरों ने उसे निजी अस्पताल में पहुंचाया। हालांकि दोपहर बाद बारिश बंद होने के बाद स्थिति सामान्य होने लगी। दो दिन में 50 एमएम बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। इधर, मारकंडा में पानी आने से आसपास के गांवों की चिताएं बढ़ गई। सुबह मारकंडा में आठ हजार क्युसिक पानी पहुंच गया, जिसके बाद शाम को और पानी छोड़ने की सूचना से ग्रामीणों में हलचल मची हुई है। मौसम विभाग 19 जुलाई तक बारिश होने की संभावना जता रहा है। इस्माईलाबाद में लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। जलभराव से लोगों की जान आई आफत में
सेक्टर-17 के चारों ओर, मोहन नगर, आंबेडकर चौक, देवीलाल चौक, महाराणा प्रताप चौक पर जलभराव होने से यातायात बाधित हो गया। महाराणा प्रताप चौक पर तो सड़क में गहरे गड्ढे बनने से कई वाहन चालक अपना नियंत्रण खोकर गिरने से चोटिल हो गए। मोहन नगर, सेक्टर 13, सेक्टर आठ, सात, पांच में सड़कों पर जलभराव हो गया। रेलवे रोड पर राजेंद्रा कॉलोनी, दुखभंजन, चक्रवर्ती मोहल्ला, दीदार नगर, शांति नगर में जलभराव के कारण बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया। शहर भर में स्थिति पर काबू पाने के लिए नगर परिषद अधिकारियों की सांसे फूल गई। कभी कहीं जलभराव होने की शिकायत अधिकारियों को मिली तो कभी कहीं निकासी के लिए नप के अधिकारी और कर्मचारी इधर से उधर दौड़ लगाते रहे। वहीं डेरा नीमवाला, डेरा अढोणी का पहले से जर्जर रास्ता टूट गया, जिसकी वजह से न तो वाहन इन डेरों में पानी उतरने तक आ जा सके और न ही बच्चे स्कूल जा सके। पोल्ट्री फार्म गिरने से हजारों मुर्गियां मरी
लाडवा शहर की गलियों से लेकर खेतों तक सब जलमग्न हुआ दिखाई दिया। निचले रिहायशी इलाकों में लोग पूरा दिन अपने घरों से बरसात का पानी निकालने में लगे रहे। महाराजा अग्रसेन चौक, मेन बाजार, हिनौरी चौक, रेड रोड, अनाजमंडी के गेट, विकास नगर, विस्तार मंडी के पीछे स्थित कॉलोनी, महाबीर कॉलोनी की ज्यादातर गलियों में पानी जमा हो गया। वहीं उपमंडल कार्यालय परिसर भी पूरी तरह जलमग्न हो गया है। वहीं गांव बन में एक पोल्ट्री फार्म पूरी तरह तबाह हो गया। बारिश से पोल्ट्री फार्म की इमारत अचानक धराशायी हो गई और पोल्ट्री फार्म में हजारों मुर्गियां दबकर मर गई। पोल्ट्री फार्म के मालिक रवि कुमार ने बताया कि उसे 12 लाख से ज्यादा का नुकसान हुआ है। जबकि लाडवा-कुरुक्षेत्र रोड पर हाई वोल्टेज केबल के दो खंबे एक डंपर पर गिर गए। बिजली के खंबे गिरते देख वाहन चालकों ने अपने वाहन पहले ही रोक लिए, जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया। वहीं डंपर के चालक व क्लीनर ने भी तुरंत डंपर से छलांग लगा कर जान बचाई।
बाबैन: बाबैन में बारिश के पानी की निकासी न होने के कारण पिपली रोड, उप-तहसील कार्यालय, निरंकारी कॉलोनी व अनाज मंडी का मुख्य द्वार जलमग्न हो गया। पिपली रोड स्थित उप-तहसील कार्यालय के मुख्य द्वार पर भी जलभराव हो गया। करंट लगने से एक भैंस की मौत
इस्माईलाबाद: गली में लोहे के खंभों पर रखे ट्रांसफार्मर से निकले करंट की चपेट में आने से एक भैंस मौत का ग्रास बन गई। गुरू गोबिद सिंह कालोनी में ठसका रोड पर गली के किनारे पर ही लोहे के खंभों पर बिजली का ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। उसी समय आढ़ती जगदीश चंद की भैंसें यहां से गुजरीं। एक भैंस ट्रांसफार्मर के पास ही करंट की चपेट में आ गई। भैंस का पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों के अनुसार भैंस के पांव से करंट लगा है। सुनील रहेजा ने बताया कि उसका घर ट्रांसफार्मर के बिल्कुल करीब है। दो दिन से जारी बारिश के चलते अधिकांश खेत तालाब का रूप धारण कर चुके हैं। पानी की निकासी के लिए किसान अधिकारियों के यहां दस्तक दे रहे हैं मगर कोई आश्वासन तक नहीं मिल रहा है। आसपास के गांव खेड़ी शहिदां, अजरावर, ठसका मीरां जी, नुरपुर, बाबकपुर बरसाती की पानी की चपेट का सामना कर रहे हैं। इन गांवों के एक ओर के खेतों से पानी आबादी की ओर बढ़ रहा है। खेड़ी शहिदां व ठसका मीरां जी में तो स्कूलों तक में पानी घुस गया। अधिकांश गांवों की तो फिरनी तक पानी में डूबी है। खेड़ी शहिदां गांव से गुजरना ही दुश्वार हो चुका है। बालापुर गांव के आसपास पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। जैतपुरा व जोधपुर के आसपास भी पानी डेरा जमाए हुए है।