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कुंटिया और कुवि प्रशासन आमने-सामने, एक दूसरे पर पलटवार का दौर जारी

फोटो संख्या : 17 -प्रशासन कुचलना चाहता है कुंटिया के आंदोलन को : रामकुमार गुर्जर जा

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 11:44 PM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 11:44 PM (IST)
कुंटिया और कुवि प्रशासन आमने-सामने, एक दूसरे पर पलटवार का दौर जारी
कुंटिया और कुवि प्रशासन आमने-सामने, एक दूसरे पर पलटवार का दौर जारी

फोटो संख्या : 17

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-प्रशासन कुचलना चाहता है कुंटिया के आंदोलन को : रामकुमार गुर्जर

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय गैर-शिक्षक कर्मचारी संघ (कुंटिया) ने हड़ताल को दो घंटे की बजाय अब आधा दिन कर दिया है। वहीं हड़ताल को लेकर कुंटिया व कुवि प्रशासन आमने-सामने आ गया है। संघ ने जहां आंदोलन को और तेज कर दिया वहीं कुलपति ने सभी विभागों के निदेशक व कार्यालय अधिकारियों की बैठक ली। कुलपति ने साफ कर दिया कि अगर कर्मचारी वापस नहीं लौटे तो उनके खिलाफ नो वर्क नो पे, नियम लागू कर दिया जाएगा।

कुंटिया प्रधान रामकुमार गुर्जर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन कर्मचारियों की जायज मांगों को भी पूरा नहीं कर रहा और कुंटिया के आंदोलन को दबाना चाहता है, जिसे कुंटिया किसी भी हालत में कामयाब नहीं होने देगी। प्रशासन अगर कर्मचारियों को डराने-धमकाने व उन पर सख्ती करने का प्रयास करेगा, वैसे-वैसे ये संघर्ष और बढ़ता जाएगा। प्रशासन कर्मचारियों को नो पे, नो वर्क का डर दिखाकर इस आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रहा है। वे धरना स्थल पर कर्मचारियों को संबोधित कर रहे थे। रामकुमार ने साफ तौर पर कहा कि कुवि प्रशासन का ये भ्रम है कि कर्मचारी इस प्रकार के डर से विचलित हो जांएगे, शायद प्रशासन को कुंटिया के इतिहास का ज्ञान नहीं है। कुंटिया ने इस प्रकार के कई लंबे संघर्ष लड़े हैं, और हमेशा से कुंटिया की जीत हुई है और प्रशासन को मुंह की खानी पड़ी है। उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन सहायक कुलसचिव और स्टेनो की भर्ती के विज्ञापन को रद्द करे। जब तक ये विज्ञापन रद्द नहीं होता तब तक कुंटिया चेन से नहीं बैठेगी।

सोमवार को कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में विशाल जलूस निकाला, जो कुलपति निवास और विश्वविद्यालय मार्केट से होते हुए कुलपति कार्यालय पर संपन्न हुआ। वहीं कुंटिया ने रोष प्रदर्शन को दो घंटे की बजाय आधा दिन ठप रखा। वहीं भूख हड़ताल पर प्रवेश मथाना, कर्मवीर शर्मा, मोहित, संजय, अशोक, मंगेश, कुलदीप, रामकुमार, सुनील, सुमीत, कुलदीप मलिक, कुंटिया के प्रेस प्रवक्ता मनीष बालदा बैठे। उन्होंने बताया कि 21 मार्च को विश्वविद्यालय फेडरेशन के बैनर के नीचे हरियाणा के सभी विश्वविद्यालय कर्मचारी नेताओं की एक आपात्कालीन बैठक होगी और उसी दिन विश्वविद्यालय फेडरेशन भी कोई सख्त निर्णय ले सकती है। इस धरना प्रदर्शन में पूर्व-प्रधान सुनील कक्कड, पूर्व महासचिव, रामलाल, रामकरण शर्मा, भारत भूषण, रामफल, भूषण चैहान, प्रवीण चैहान, प्रवीण मथाना, विष्णुनाथ, कृष्ण पांडेय, सुनील शर्मा, अजमेर ¨सह, शमसेर ¨सह, जगदीश खनौदा व प्रियंका श्योकंद भाग लिया।

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हड़ताल अनुचित, हड़ताल छोड़ काम पर लौटें

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चल रही गैर शिक्षक कर्मचारियों की हड़ताल के संबंध में सोमवार को सायं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने सभी डीन, निदेशकों व विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई। बैठक में सभी डीन, डायरेक्टर व ब्रांच अधिकारियों ने कहा कि हड़ताल विश्वविद्यालय के अहित में है व अनुचित है। इसलिए सभी कर्मचारी विश्वविद्यालय के हित में हड़ताल को छोड़कर काम पर वापस लौटें। कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों से कई दौर की बातचीत हुई। सभी मुद्दों पर सहमति भी बन गई। लेकिन कर्मचारी हड़ताल छोड़ने को तैयार नहीं है। कुलपति ने कहा है कि विद्यार्थी ही इस विश्वविद्यालय की पहली प्राथमिकता हैं और रहेंगे।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मचारियों की हर मांग को माना है। एलटीसी, अलाउंस जारी किया गया है, स्टाफ रेशो के एरियर को 25 फीसदी 31 मार्च तक देने को कहा था व दिया जाएगा। सभी मांगों पर चर्चा व सहमति के बाद भी कुछ लोग विश्वविद्यालय के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। कुलपति ने कहा कि सरकार एवं कुलाधिपति के स्पष्ट निर्देशों के बाद दबाव बनाकर बिना योग्यता के प्रमोशन पाने की परंपरा अब विश्वविद्यालय में नहीं चलेगी। इस मौके पर डीन डायरेक्टर व विभागाध्यक्षों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सभी ब्रांच अधिकारियों ने कहा कि वे इस संबंध में अपने विभागों में जाकर अपने कर्मचारियों से बातचीत करेंगे ताकि उन्हें समझाया जा सके कि यह हड़ताल किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। कुछ लोगों ने कहा कि विश्वविद्यालय में अच्छा कार्य करने वालों को ही प्रमोट करना चाहिए ताकि कर्मठ लोगों को आगे आने का मौका मिल सके व विश्वविद्यालय को ए प्लस से आगे ले जाया जा सके। कर्मचारी हड़ताल नहीं छोड़ते हैं तो कुलपति विश्वविद्यालय के हित में जो भी फैसला लेंगे, सभी डीन, डायरेक्टर व ब्रांच अधिकारी उनके साथ है। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने कुंटिया के डिमांड चार्टर पर प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में सभी को अवगत कराया।


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