शैक्षणिक निपुणता के साथ मानवीय गुणों का उपस्थित होना अनिवार्य : प्रो. श्याम कुमार
कुरुक्षेत्र: राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस के अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा
कुरुक्षेत्र: राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस के अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना सेल द्वारा मंगलवार को डॉ. आरके सदन में सांस्कृतिक व प्रोत्साहन समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे डीन आफ अकेडमिक अफेयर प्रो. श्याम कुमार ने कहा कि जो शिक्षक एक अच्छा इंसान है वही अपने विद्यार्थियों में विद्या के साथ-साथ संस्कारों को अंकुरित करने में सक्षम है। कार्यक्रम में एनएसएस स्वयंसेवकों के द्वारा लक्ष्यगीत प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम व विभिन्न महाविद्यालयों की एनएसएस शाखा द्वारा पूरे वर्ष में किए गए कार्यों व गतिविधियों को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इस प्रदर्शनी में विजेताओं को, विभिन्न महाविद्यालयों से आए कार्यक्रम अधिकारियों को व पूरे वर्ष होने वाली गतिविधियों में भाग लेने वाले उत्कृष्ट राष्ट्रीय स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया।
टीओआरसी के ट्रे¨नग को-ओर्डिनेटर डॉ. सतबीर मलिक ने विभिन्न सांस्कृतिक, पौराणिक, ऐतिहासिक व सामाजिक तथ्यों के माध्यम से चरित्र निर्माण व राष्ट्र विकास के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। मुख्य विचारक डॉ. हिम्मत ¨सह सिन्हा ने अपने जीवन के अनुभवों को सांझा करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को कर्मयोग के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रोग्राम अधिकारी डॉ. मोनिका मलिक, प्रो. आरके देसवाल, प्रो. राजेश्वर मिश्र, डॉ. सीडीएस कौशल, प्रो. निर्मला चौधरी, डॉ. संगीता, डॉ. सुरजीत कुमार, डॉ. मंजू उपस्थित रहे। छात्रों और शोधार्थियों को लेखन शैली में सुधार के तरीके बताए
कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में मंगलवार को मैकेनिज्म आफ राइ¨टग विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मैसर्स ब्लैकसवान प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली से जेम्स ने छात्रों को स्क्रिप्ट के संपादन, लेखन और प्रूफ री¨डग पढ़ने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों और शोधार्थियों को लेखन शैली में सुधार करने के तरीकों से भी अवगत कराया। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसएस रहल ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया। इस व्याख्यान के पहले सत्र में उन्होंने लेखन और संपादन के मैकेनिज्म के बारे में चर्चा की।
दर्शन शास्त्र विभाग में दीनदयाल उपाध्याय के जीवन-दर्शन पर चर्चा
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग में मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन-दर्शन एवं इससे संबंधित विविध पहलुओं पर विचार-विमर्श एवं चर्चा का आयोजन किया गया। प्रो. आरके देसवाल ने बताया कि अपने जीवन के अल्पकाल में ही आपने ¨हदुत्व, ¨हदी भाषा, ¨हदू संस्कृति, ¨हदू जीवन-मूल्य, ¨हदू दर्शन शास्त्र, ¨हदू राजनीति, ¨हदू अर्थनीति, ¨हदू धर्म एवं ¨हदू मान्यताओं के लिए शताधिक व्यक्तियों के समान कार्य किया। एकात्मक मानववाद एवं अन्त्योदय आपकी गहन सूझबूझ एवं धार्मिक-सामाजिक समरसता के क्षेत्र में कार्य करने के ज्वलंत प्रमाण हैं। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भारतीय जनता पार्टी जिस विस्तृत रूप को प्राप्त हुए हैं इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय के तप, त्याग एवं समर्पण की महत्वपूर्ण भूमिका है। विचार-विमर्श एवं चर्चा में प्रो. अनामिका गिरधर, डॉ. शीलक राम, डॉ. सुरेंद्र कुमार, रिसर्च स्कालर अजमेर एवं धर्मेन्द्र मौजूद थे। फोटो संख्या- 25 कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया
कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में मंगलवार को विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया गया। फेडरेशन आफ इंटरनेशनल फार्मासिस्ट व फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा भी फार्मासिस्टों को विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित करने व विश्व के किसी भी कोने में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए संकल्पित किया है। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. संजीव अरोड़ा ने कहा कि विश्व फार्मेसी दिवस का इस वर्ष का थीम फार्मासिस्ट आपके दवा विशेषज्ञ हैं। इस बात पर जोर देता है कि फार्मासिस्ट न केवल रोगियों के लिए बल्कि अन्य स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के लिए भी एक विश्वसनीय स्त्रोत होता है। यह थीम इसलिए चुना गया है कि किस तरह से लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक फार्मासिस्ट मेहनत करता है। इस मौके पर विभाग के शिक्षक डॉ. दिनेश कुमार ने संस्थान के बीफार्मा, एमफार्मा व पीएचडी के विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वह एक सक्रिय फार्मासिस्ट की भूमिका निभाकर समाज में अपना रचनात्मक योगदान दें। इस मौके पर विभाग की शिक्षिका प्रो. रंजना अग्रवाल, डॉ. सुखबीर लाल, डॉ. राकेश पाहवा, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. सुरेंद्र वर्मा, डॉ. मंजूषा, डॉ. कमल, डॉ. अजय कुमार, डॉ. प्रबोध चंद्र, बलराम, गीता, डॉ. अर्चना मौजूद थे।