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अतिथियों के स्वागत पर ही केडीबी खर्च कर देगा 40 लाख

बृजेश द्विवेदी, कुरुक्षेत्र : जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीआइपी कल्चर समाप्त कर खर्च कम करने

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Sep 2017 11:06 PM (IST)Updated: Wed, 27 Sep 2017 11:06 PM (IST)
अतिथियों के स्वागत पर ही केडीबी खर्च कर देगा 40 लाख
अतिथियों के स्वागत पर ही केडीबी खर्च कर देगा 40 लाख

बृजेश द्विवेदी, कुरुक्षेत्र :

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जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीआइपी कल्चर समाप्त कर खर्च कम करने पर जोर दे रहे हैं तथा महंगे बुके देने की प्रथा को समाप्त करने की बात कह रहे हैं वहीं अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 2017 में आने वाले अतिविशिष्ट व विशिष्ट अतिथियों के स्वागत के लिए 40 लाख का बजट रखा गया है। यह बजट इन अतिथियों को दिए जाने वाले बुके, स्मृति चिन्ह व शॉल पर खर्च किया जाएगा। पिछले वर्ष भी इसी मद में 23 लाख का बजट रखा गया था। इसमें वीआइपी को देने के लिए 2000 से लेकर 4 लाख तक के महंगे स्मृति चिन्ह खरीदे गए थे। हालांकि राष्ट्रपति का आगमन स्थगित होने पर इनमें से कुछ महंगे स्मृति चिन्ह वापिस कर दिए गए थे।

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की ओर से गीता जयंती पर आने वाले कुछ खर्चो का बजट तैयार कर उसकी मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा गया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से 22 सितंबर को भेजे गए इस बजट में गीता जयंती पर आने वाले वीआइपी के स्वागत व सम्मान के लिए 40 लाख रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा गया है। केवल बुके, स्मृति चिन्ह व सम्मान में दिए जाने वाले शॉल पर इतनी बड़ी राशि खर्च होगी, इसको लेकर जिले के अधिकारियों में अभी से गहमागहमी शुरु हो गई है। खुद सत्ता पक्ष से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री वीआइपी कल्चर को खत्म करने की बात कर रहे हैं और वहीं इसके इतर अधिकारी वीआइपी के स्वागत में इतना बड़ी राशि खर्च करने का बजट तक भेज चुके हैं।

खरीदे थे दो हजार से 4 लाख तक के स्मृति चिन्ह

केडीबी के सूत्रों की मानें तो पिछले वर्ष वीआइपी को देने के लिए केडीबी ने दो हजार से लेकर 4 लाख तक के स्मृति चिन्ह खरीदे थे। बताया जा रहा है कि तीन स्मृति चिन्ह लाखों में थे जबकि राष्ट्रपति को देने के लिए जो स्मृति चिन्ह चुना गया था वह अकेला चार लाख रुपये कीमत का था। हालांकिराष्ट्रपति नहीं आए थे इस कारण दिल्ली की जिस दुकान से राष्ट्रपति के लिए इसे खरीदा गया था उसे वापिस कर दिया था।

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कमेटी में तैयार किया गया प्रस्ताव : चावरिया

जब इस बारे में बारे में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा चावरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गीता जयंती महोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है। इसके लिए बाकायदा एक कमेटी बनाई गई है। जो भी प्रस्ताव है कमेटी मिलकर तैयार कर रही है। अभी प्रस्ताव भेजा गया है।

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अधिकारियों ने तैयार किया है बजट

केडीबी के मानद सचिव अशोक सुखीजा ने कहा कियह प्रस्ताव अधिकारियों ने तैयार किया है। यह अभी फाइनल नहीं है लेकिन स्वागत के लिए इतना बड़ा बजट रखना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का जो दिशा निर्देश है गीता जयंती के दौरान उसका पूरा पालन किया जाएगा।

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यादगार के तौर पर दिया जाता है स्मृति चिन्ह : बेदी

राज्यमंत्री कृष्ण बेदी से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि गीता जयंती पर देशभर से संतों के अलावा देश व विदेश से बड़ी संख्या में अतिथि आते हैं, उन्हें जो स्मृति चिन्ह दिया जाता है उसका चुनाव इस प्रकार किया जाता है कि यादगार के तौर पर उन अतिथियों के पास हमेशा मौजूद रहे। ऐसे में इस तरह का स्मृति चिन्ह महंगा होना स्वभाविक है।


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