जाट धर्मशाला-सभा विवाद में नहीं बन पाई सहमति, बढ़ सकता है विवाद
जाट धर्मशाला-सभा प्रधानी विवाद में रविवार को दिन भर बैठकों का दौर चलने के बावजूद सहमति नहीं बन पाई।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जाट धर्मशाला-सभा प्रधानी विवाद में रविवार को दिन भर बैठकों का दौर चलने के बावजूद सहमति नहीं बन पाई। दोनों धड़ों के अपनी-अपनी मांगों पर अड़े होने के चलते मामला और गर्मा गया है। अंग्रेज ¨सह धड़े ने मांग पूरी न होने तक धरना जारी रखने का एलान किया तो दूसरी ओर कर्मबीर ¨सह धड़े ने देर रात साढे आठ बजे तक चली बैठक में 26 अगस्त को महाबैठक बुलाकर आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। बैठक में लोगों को निमंत्रण देने के लिए पांच-पांच आदमियों की 200 कमेटी गठित करने का भी फैसला लिया गया है। साढ़े आठ बजे तक चली इस बैठक में माहौल काफी गर्म रहा। इससे पहले सूबे ¨सह समैण की ओर से समझौते के प्रयास को लेकर सुबह पहले दोनों धड़ों के पदाधिकारियों से बातचीत की गई थी। इसके बाद दोनों धड़ों के प्रतिनिधियों को लेकर नीलकंठी यात्री निवास में लगभग तीन घंटे तक दोनों की सहमति बनाने का प्रयास किया।
कई दिनों से जारी विवाद को लेकर कर्मबीर धड़े ने रविवार को अपनी बैठक बुला रखी थी। इसी दिन अंग्रेज ¨सह धड़े ने भी धरने प्रदर्शन का एलान करते हुए अपनी बैठक बुलाने का एलान कर दिया। इसी एलान पर दोनों ओर के समर्थक सुबह ही धर्मशाला में जुटने शुरू हो गए थे। दोनों ओर के बढ़ते तनाव को देखते हुए मौजिज लोगों ने सहमति बनाने का प्रयास शुरू किया। दोनों की सहमति बनाने के लिए सूबे ¨सह समैण ने सुबह ही अंग्रेज ¨सह धड़े के लोगों से बातचीत की। इसके बाद धर्मशाला के कमरा नंबर छह में कर्मबीर ¨सह धड़े के साथ घंटा भर बातचीत चली। दोनों ओर के सुझाव लेने के बाद कर्मबीर धड़े के ओम प्रकाश पाई और गंगा राज करोड़ा सहित अंग्रेज ¨सह धड़े के टेक चंद हथीरा, जसमेर ¨सह और ओमप्रकाश अटवाण को लेकर नीलकंठी यात्री निवास में बैठक की। लगभग तीन घंटे चली बैठक में भी सहमति नहीं बन पाई। अंग्रेज धड़े की मांग
- अंग्रेज ¨सह धड़ा रजिस्ट्रार जनरल के फैसले अनुसार धर्मशाला का कार्यभार प्रशासक को सौंपने, धर्मशाला-सभा के संविधान अनुसार लगभग 325 वोटों के अनुसार चुनाव करवाने, दूसरे धड़े को बाहर करने और 20 जुलाई के बाद से धर्मशाला की आमदनी का हिसाब प्रशासक से वसूले जाने की मांग कर रहा है।
कर्मबीर ¨सह धड़े की मांग
- कर्मबीर ¨सह धड़े की मांग है कि उनकी कार्यकारिणी को मान्य किया जाए, इसके साथ ही 1100 रुपये के हिसाब से बनाए गए 8844 के करीब सदस्यों को मतदाता सूची में शामिल कर तीन माह के अंदर-अंदर चुनाव संपन्न करवाया जाए। थानेसर एसडीएम की जगह शाहाबाद एसडीएम रहे तैनात
कर्मबीर ¨सह धड़े की ओर से थानेसर एसडीएम एवं प्रशासक अनिल यादव के चार्ज संभालने पर भी लगातार एतराज जताया जा रहा था। इसको लेकर कई बार एसडीएम के धर्मशाला पहुंचने पर धरने पर बैठे लोग नारेबाजी शुरू कर देते थे। इस एतराज को कर्मबीर ¨सह धड़े ने उपायुक्त के सामने भी उठाया था। बताया जा रहा है कि इसी को देखते हुए रविवार को शाहाबाद एसडीएम सतबीर कुंडू की धर्मशाला में ड्यूटी लगाई गई थी। इस मौके पर उनके साथ खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी विकास, पुलिस उपअधीक्षक धीरज कुमार व उपअधीक्षक राज ¨सह सहित आदर्श थाना प्रभारी सतीश कुमार व इंस्पेक्टर राजेश उपस्थित रहे। एक घंटा लगाना था सांकेतिक जाम, फोन आने पर आधे घंटे में खोला
कर्मबीर गुट ने प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए एक घंटे तक गुलजारी लाल नंदा मार्ग पर सांकेतिक जाम लगाने का एलान किया था। इस एलान के बाद हाल में बैठे लोग सड़क पर निकल आए। जाम लगाने की सूचना पर आनन-फानन में पुलिस ने वाहनों को डाइवर्ट करवाया। सूचना मिलते ही दोनों धड़ों के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे सूबे ¨सह समैण ने फोन कर जाम खोलने की बात कही। इसके बाद लोग धर्मशाला में लौट आए। प्रयास किया था नहीं निकला समाधान
धर्मशाला के हाल में बैठे लोगों को संबोधित करते हुए सूबे ¨सह समैण ने कहा कि उन्होंने सहमति का प्रयास किया था। इसी के लिए दोनों धड़ों की बातचीत करवाई। लेकिन वह विफल रहे, यह समाज का दुर्भाग्य है। साढे आठ बजे तक चली बैठक
सहमति न बनने के बाद कर्मबीर धड़े की बैठक साढ़े आठ बजे तक जारी रही। कई बार बैठक में माहौल गर्माया रहा। लोगों की ओर से तरह-तरह की बातें किए जाने पर कर्मबीर ¨सह की ओर से इस्तीफा दिए जाने की बात कही गई। लोगों ने कर्मबीर ¨सह का इस्तीफा मंजूर करने से इंकार कर दिया। कर्मबीर ¨सह ने बताया कि बैठक में फैसला लिया गया है कि अपनी मांग पूरी करवाने के लिए सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी, इसके लिए 26 अगस्त रविवार को समाज की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में ज्यादा से ज्यादा लोगों को न्यौता देने के लिए पांच-पांच आदमियों की 200 कमेटियां गठित की जाएंगी। इस मौके पर पूर्व प्रधान सुरेंद्र अंबरसर, जगदीश पाई, राजकुमार बड़सिकरी, कृष्ण श्योकंद, शमशेर ढूल उपस्थित रहे।