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जाट धर्मशाला प्रशासक पर नौ लोगों को नाजायज रूप से वेतन देने का आरोप, उपायुक्त को शिकायत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जाट धर्मशाला में पिछले लंबे समय से चल रहे प्रधानी विवाद के शा

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 01:31 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 01:31 AM (IST)
जाट धर्मशाला प्रशासक पर नौ लोगों को नाजायज रूप से वेतन देने का आरोप, उपायुक्त को शिकायत
जाट धर्मशाला प्रशासक पर नौ लोगों को नाजायज रूप से वेतन देने का आरोप, उपायुक्त को शिकायत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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जाट धर्मशाला में पिछले लंबे समय से चल रहे प्रधानी विवाद के शांत होने के बाद अब धर्मशाला में नियुक्त प्रशासक की ओर से नौ लोगों को नाजायज तौर पर वेतन जारी करने का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर अंग्रेज ¨सह किरमिच ने मंगलवार को एक शिकायत उपायुक्त कार्यालय में सौंपी है। उन्होंने अपनी शिकायत में धर्मशाला के खाते से 87 हजार रुपये वेतनमान व अन्य पर खर्च किए गए हैं। इन रुपयों में से नौ लोगों को वेतन जारी करने की बात कही जा रही है, जबकि वह धर्मशाला के कर्मचारी नहीं है। उन्होंने अपनी शिकायत में इस रुपये की प्रशासक से रिकवरी करवाने की मांग की है।

उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि जाट धर्मशाला में एसडीएम करनाल नरेंद्र पाल मलिक को प्रशासक नियुक्त किया है। उन्होंने उन नौ लोगों को आठ-आठ हजार रुपये वेतन के तौर पर बांट दिए हैं जो धर्मशाला के कर्मचारी ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह लोग तो धर्मशाला के चले धरने-प्रदर्शन के दौरान दूसरे गुट की ओर से धरने पर बैठे थे। उन्होंने कहा कि इनमें से एक भी धर्मशाला का कर्मचारी नहीं है और न ही उन्होंने कभी धर्मशाला के लिए कोई काम किया है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला व सभा के धन का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने अपनी शिकायत के साथ जिला रजिस्ट्रार कार्यालय से लेकर धर्मशाला कर्मचारियों की सूची भी सौंपी है। उन्होंने बताया कि इस सूची में कहीं भी इन कर्मचारियों का जिक्र नहीं है। ऐसे में उन्हें गलत तरीके से वेतन जारी किया गया है। इस मौके पर उनके साथ दलबीर ढांडा और रमेश ढांडा भी उपस्थित रहे।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस धन की रिकवरी नहीं करवाई गई तो जाट समाज सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेगा।

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प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जाट धर्मशाला में दान की रसीद लेने की कही बात जब इस बारे में बात करने के लिए प्रशासक के मोबाइल पर फोन किया गया तो कई बार मोबाइल पर घंटी जाने के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया। हालांकि उनके द्वारा मंगलवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने कहा कि अब कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला प्रशासक के अधीन है। इसलिए कोई भी दानी दान देने के बाद रसीद अवश्य

प्राप्त कर ले। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति जाट धर्मशाला में दान की राशि जमा करवाता है, वह रसीद प्राप्त करते समय रसीद पर प्रशासक की मोहर अवश्य देखे। बिना प्रशासक की मोहर के कोई भी रसीद मान्य नहीं होगी।


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