स्मॉग की वजह से क्षय रोग में 70 से 80 मरीज आ रहे सांस में तकलीफ लेकर
दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे पर्यावरण का लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर दिकाई देने लगा है। सांस की शिकायत लेकर रोजाना करीब 70 से 80 मरीज नागरिक अस्पताल में पहुंच रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र
सुबह के 11 बजे हैं और अभी हम एलएनजेपी अस्पताल में खड़े हैं। रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को अस्पताल की पंजीकरण खिड़की पर मरीजों की भीड़ लगी है। खिड़की पर हर बीमारी से प्रभावित मरीज आ रहे हैं। मगर टीबी विभाग में स्मॉग की वजह से ज्यादातर मरीज गले में खराश, खांसी, जुकाम और सांस में दिक्कत के आ रहे हैं। मरीजों को इतनी दिक्कत है कि उन्हें स्टीम देनी पड़ रही है।
आपातकालीन विभाग में सांस लेने में तकलीफ होने की समस्या के साथ मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं। छाती रोग विशेषज्ञ के मुताबिक रोजाना 70 से 80 मरीज उनके पास आ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में अस्पताल में ऐसे मरीज 500 से ऊपर पहुंचे हैं। इनमें से ज्यादातर को सांस लेने में तकलीफ होती है। हालांकि सोमवार को मौसम साफ होने से इन मरीजों की संख्या में कमी आई है। आपातकालीन विभाग में भी रोजाना आ रहे सांस के मरीज
स्मॉग की वजह से सबसे ज्यादा तकलीफ उन मरीजों को हो रही है जिनका पहले से इम्युनिटी सिस्टम कमजोर है, वे किसी दूसरी बीमारी की चपेट में हैं या फिर सांस के मरीजों को भी इसकी वजह से तकलीफ हो रही है। क्षय रोगियों की तकलीफ भी स्मॉग ने बढ़ा दी है। स्मॉग आसमान पर जैसे ही छा जाता है वैसे ही क्षय रोगियों की घबराहट भी बढ़ने लगती है। 70 से 80 मरीज आ रहे ओपीडी में : डॉ. दिनेश
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क्षय रोग विभाग के छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश ने कहा कि जब से आसमान पर स्मॉग छाई हुई है तब से ओपीडी में सांस लेने में तकलीफ आने के मरीज बढ़ गए हैं। रोजाना 70 से 80 मरीज ओपीडी में आते हैं। स्टीम देने की मशीन को सुबह से चलाया जाता है। जैसे-जैसे स्मॉग बढ़ता है मरीजों की तकलीफ भी बढ़ती है। सोमवार को मौसम साफ हुआ है, जिससे ओपीडी में कुछ कमी आई है। शनिवार को ज्यादातर मरीज सांस में तकलीफ लेकर ही आए हैं। सायं को सैर करते हुए भी घुट रहा दम : कुसुम
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स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कुसुम ने बताया कि पिछले कई दिनों से सायं को सैर करते हुए दम घुट रहा है। सायं को सैर करते हुए भी घुटन सी महसूस होती है। आंखों में जलन भी होती है। सोमवार को मौसम कुछ साफ हुआ है। नहीं तो पिछले कई दिनों से स्थिति ज्यादा खराब थी।